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अरुण बहुत ही व्यस्त रहते थे।
  • 151168597 - RAJESH SHIVHARE 2 1
    27 Oct 2024 19:12 PM



समीरा का यौवन उफ़ान मार रहा था लेकिन उसका पति उसकी शारीरिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा था। क्योंकि समीरा के पति अरुण बहुत ही व्यस्त रहते थे। काम और बच्चों की जिम्मेदारियों के चलते दोनों के बीच पहले जैसा रोमांस और नजदीकी अब नहीं रह गई थी। वे एक-दूसरे से प्यार तो करते थे, लेकिन जिंदगी की आपाधापी में उनके रिश्ते की गर्मजोशी कहीं खो गई थी। समीरा को अब वह पहले वाली स्फूर्ति और ध्यान नहीं मिलता था, जो उसे पहले अरुण से मिला करता था। वह खुद को भावनात्मक और शारीरिक रूप से अकेला महसूस करने लगी थी।

 

फिर, समीरा की जिंदगी में प्रवेश हुआ आदित्य का—जो उनके घर के पास रहने वाला एक जवान लड़का था। आदित्य करीब 25 साल का था, ऊर्जा से भरा और हमेशा मुस्कुराने वाला। वह समीरा से बहुत आदर और सम्मान से पेश आता था। उसकी ऊर्जा और उसके जीने का तरीका समीरा को आकर्षित करने लगा। आदित्य के साथ जब भी वह बात करती, उसे अपने अंदर एक नई ताजगी महसूस होती।

 

समीरा को समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्यों हो रहा है। वह एक जिम्मेदार पत्नी और माँ थी, लेकिन आदित्य की उपस्थिति उसे एक अलग तरह का सुकून देती थी। उसका मन बार-बार आदित्य की तरफ खिंचने लगा।

 

समीरा ने खुद से कई बार सवाल किया, "क्या यह सही है? क्यों मैं आदित्य के प्रति आकर्षित हो रही हूँ, जबकि मेरी अपनी शादी है और अरुण से मेरा प्यार है?" उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह भावनाएं उसके अंदर क्यों पैदा हो रही थीं।

 

एक दिन, समीरा ने अपने दिल की उलझनें अपनी सबसे करीबी दोस्त नीतू से साझा कीं। नीतू ने उसे ध्यान से सुना और कहा, "समीरा, यह भावनाएं गलत नहीं हैं। हर किसी की जिंदगी में एक समय आता है, जब उन्हें भावनात्मक और शारीरिक रूप से अलग अनुभव की जरूरत महसूस होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हारा अरुण से प्यार कम हो गया है। हो सकता है कि तुम्हें अपने रिश्ते में वही उत्साह और ध्यान चाहिए, जो तुम्हें पहले मिला करता था।"

 

समीरा ने नीतू की बातों को गहराई से महसूस किया। उसने समझा कि यह केवल आदित्य की युवा ऊर्जा और उसकी ताजगी थी, जिसने उसे आकर्षित किया था। यह सिर्फ एक क्षणिक आकर्षण था, जो उसकी जिंदगी में चल रही भावनात्मक खालीपन की वजह से हुआ था।

 

फिर, समीरा ने अरुण से इस बारे में बात करने का फैसला किया। उसने सीधे-सीधे आदित्य का जिक्र नहीं किया, लेकिन उसने अपनी भावनाओं को साफ-साफ रखा। उसने कहा, "अरुण, मुझे ऐसा लगता है कि हमारी जिंदगी में जो रोमांस और नजदीकी पहले थी, वह अब कहीं खो गई है। हम दोनों अपने-अपने कामों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि हमारे रिश्ते में वह ताजगी और उत्साह नहीं रह गया।"

 

अरुण ने समीरा की बातों को ध्यान से सुना और महसूस किया कि शायद वह भी इस दूरी को नजरअंदाज कर रहा था। उसने समीरा से माफी मांगी और कहा, "तुम सही कह रही हो। हम दोनों अपने रिश्ते को उसी गर्मजोशी और प्यार के साथ नहीं जी पा रहे हैं, जो कभी हुआ करता था। मुझे लगता है कि हमें फिर से एक-दूसरे के लिए समय निकालने की जरूरत है।"

 

इस बातचीत के बाद, समीरा और अरुण ने अपने रिश्ते को फिर से ताजगी देने की ठानी। उन्होंने एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने और अपनी भावनाओं को साझा करने की कोशिश की। समीरा ने महसूस किया कि उसका आदित्य के प्रति आकर्षण सिर्फ एक क्षणिक भावनात्मक खालीपन का नतीजा था, जिसे वह अब अरुण के साथ दूर कर सकती थी।

 

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि शादीशुदा जिंदगी में कभी-कभी भावनात्मक और शारीरिक खालीपन आ सकता है, लेकिन हमें इसे पहचानकर अपने रिश्ते में फिर से प्यार और उत्साह लाने की कोशिश करनी चाहिए। यह जरूरी है कि हम अपनी भावनाओं को समझें और अपने साथी के साथ खुलकर बातचीत करें, ताकि किसी भी रिश्ते में स्थायित्व और खुशहाली बनी रहे।



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