फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा से अमेरिका के वाशिंगटन में मुलाकात की। इस दौरान बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। सीतारमण और बंगा ने विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठकों के दौरान वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं, ऊर्जा सुरक्षा और बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) में सुधार में निजी पूंजी की भागीदारी से जुड़े मसलों पर विचार-विमर्श किया।वित्त मंत्री ने कहा कि वह विश्व बैंक की ओर से भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान एमडीबी सुधारों पर आए आईईजी की सिफारिशों से जुड़ी प्रगति की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हैं और उन्होंने भविष्य में सिफारिशों के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी का भी अनुरोध किया। 2023 भारतीय जी-20 प्रेसीडेंसी के तत्वावधान में नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह (आईईजी) ने एमडीबी में सुधारों के ट्रिपल एजेंडे की सिफारिश की। इस एजेंडे के तीन तत्व हैं - अत्यधिक गरीबी को समाप्त करना, साझा समृद्धि को बढ़ावा देना, तथा 2030 तक वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के लिए सतत ऋण स्तर को तीन गुना बढ़ाने में योगदान देना; तथा एक तीसरा वित्तपोषण तंत्र बनाना जो एमडीबी एजेंडे के तत्वों का समर्थन करने के इच्छुक निवेशकों के साथ उद्देश्यपूर्ण ढंग से जुड़ने के लिए लचीली और नवीन व्यवस्था की अनुमति देगा। सीतारमण ने ब्रेटन वुड्स संस्थानों के 80 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के लिए विश्व बैंक और आईएमएफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सलाहकार तंत्र पर व्यापक परामर्श प्रक्रिया की आवश्यकता पर भी बल दिया। ब्रेटन वुड्स संस्थान आईएमएफ और विश्व बैंक समूह हैं, जिनकी स्थापना 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर के ब्रेटन वुड्स में एक सम्मेलन में की गई थी। बंगा ने आईईजी की सिफारिशों पर पर्याप्त प्रगति का उल्लेख किया, जिन्हें जी-20 में प्रस्तुत किया जाना है। उन्होंने डब्ल्यूबीजी के रोजगार, ज्ञान ढांचे और बैंक योग्य परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया और कौशल, जल और स्वच्छता तथा शहरी विकास सहित भारत की बजट प्राथमिकताओं के साथ सहयोग करने पर जोर दिया।
