फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया। 13 अक्टूबर को मनाया जाने वाला प्रमुख दिवस प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण का उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि आपदाओं से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है। जब हम बाढ़, भूकंप, तूफान या अन्य आपदाओं के बारे में पहले से जानकारी रखते हैं और तैयारी करते हैं, तो जान-माल का नुकसान कम किया जा सकता है। यह दिवस हमें जागरूक करता है कि आपदाओं से बचाव के उपाय करने से हम अपनी और अपने समुदाय की सुरक्षा कर सकते हैं। इस ब्लॉग में 13 अक्टूबर के मनाए जाने वाले प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस क्या है?
प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस हर साल दुनियाभर में 13 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य आपदाओं से होने वाले जोखिमों और उनके प्रभावों को कम करने के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लोगों को इन आपदाओं से सुरक्षित बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाने पर जोर देता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किया गया है।
प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1990 के दशक को प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दशक के रूप में नामित किया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान और व्यवधानों को कम करना था। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दशक पहल के एक हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र ने आपदा न्यूनीकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस को आधिकारिक ‘प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतरराष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया था। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दशक के पूर्ण होने के बाद भी संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को मनाते रहने का निर्णय लिया था।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिन विभिन्न देशों में सरकारी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा सेमिनार और वर्कशॉप्स आयोजित किया जाते हैं। वहां आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण पर विशेषज्ञ अपनी जानकारी साझा करते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के द्वारा बच्चों और युवाओं के लिए आपदा प्रबंधन से जुड़े शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्थानों पर सामान्य जनता को आपदा के समय किस प्रकार सुरक्षित रहना है, इसके लिए बचाव और राहत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म, मीडिया, टीवी और रेडियो द्वारा आपदा जोखिम कम करने के तरीकों पर जागरूकता फैलाई जाती है।