वाराणसी में सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई ज़मीनों के मुआवजे का भुगतान अब तक नहीं हुआ, प्रभावित लोग लगातार कर रहे हैं शिकायतें। स्थानीय निवासियों और किसानों की ज़मीनें सरकारी पूल निर्माण परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई थीं, लेकिन अब तक उन ज़मीनों का मुआवजा प्रभावित लोगों को नहीं मिला है। मुआवजे में हो रही देरी से प्रभावित लोग परेशान हैं और लगातार प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। हालांकि, मुआवजे को लेकर बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद, प्रशासन की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। सूत्रों के अनुसार, यह मामला पिछले कई महीनों से लंबित है और प्रभावित लोग जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। प्रशासन द्वारा मुआवजे की प्रक्रिया में "तकनीकी कारणों" का हवाला दिया जा रहा है, लेकिन प्रभावित लोगों का आरोप है कि उन्हें किसी प्रकार की स्पष्ट जानकारी या समयसीमा नहीं दी गई है।
अधिकारियों से संवादहीनता बनी चिंता का कारण:
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। अधिकारियों द्वारा मुआवजे के भुगतान के लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं बताई जा रही है। प्रभावित लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। पूल निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई ज़मीनों का मुआवजा अब तक प्रभावित लोगों को नहीं मिला है, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है। प्रशासन की ओर से प्रक्रिया में देरी का हवाला दिया जा रहा है, लेकिन इसका कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है। ऐसे में देखना यह होगा कि कब तक इन प्रभावित लोगों को उनका हक़ मिलेगा और प्रशासन कब तक इस देरी को समाप्त कर पाएगा फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया श्रुति कुमारी स्टेट इंचार्ज यूपी पूर्वांचल विकली