फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया यूपी चंदौली। बलुआ- रॉयल प्रॉपटेक और कोप्स कारपोरेशन एल.एल.पी. की अनियमितताओं का पर्दाफाश होने के बाद भी पुलिस की निष्क्रियता और भ्रष्ट रवैया सवालों के घेरे में है। कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें चंदौली के पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे और वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी गईं लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर मामले को दबाने का प्रयास किया। बलुआ थाना और मारूफपुर पुलिस चौकी के अधिकारी तरुण पांडे और बलुआ थानाध्यक्ष अशोक मिश्रा को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उन्होंने आवेदकों को अपमानित किया और उनके फोटो खींचकर मनमानी रिपोर्ट तैयार कर दी।
पीड़ितों का आरोप है कि प्रभावशाली कंपनी मालिकों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सबसे गंभीर आरोप क्षेत्राधिकारी सकलडीहा रघुराज पर लगे हैं, जिन्होंने खुलेआम कहा की बाहुबली और पैसे वालों के खिलाफ जांच कौन करेगा? यह काम हमारी पुलिस नहीं करेगी।" इस बयान के साथ ही उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया और पीड़ितों को धमकी दी कि चाहे वे कहीं भी जाएं, जांच अंत में उन्हीं के पास आकर रुकेगी। इसके अलावा, CO ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा कि "उन्हें इन्वेस्टर्स से मिलने का मौका नहीं दिया गया। जबकि सच्चाई यह है कि कई बार निवेशक थाने गए लेकिन उनके साथ अभद्रता की गई और उन्हें भगा दिया गया।
CO ने मनमाने और आधारहीन ढंग से रिपोर्ट तैयार कर दी जो न केवल मामले को गुमराह करने का प्रयास है, बल्कि न्याय के साथ खिलवाड़ भी है। उन्होंने कहा, हमारी पुलिस इसी तरह की गुमराह करने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत करती रहेगी। जब पीड़ितों ने न्याय की मांग की तो पुलिस ने धमकी दी कि मामला न्यायालय को अग्रेषित कर दिया जाएगा ताकि वे खुद कार्रवाई से बच सकें। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए मामले को लटकाने की कोशिश कर रही है। वाराणसी के मंडल आयुक्त को भी जांच के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन उस पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांघे द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद, स्थानीय पुलिस (बलुआ पुलिस) बाहुबलियों और प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। रिपोर्ट - श्रुति कुमारी स्टेट इंचार्ज वीकली यूपी ईस्ट 151172365