नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। मां कुष्मांडा सूर्य के समान तेज वाली हैं, माता के तेज से ही सभी दिशाओं में प्रकाश होता है। अन्य कोई भी देवी देवता इनके तेज और प्रभाव का सामना नहीं कर सकता। मा कुष्मांडा अष्टभुजा वाली देवी हैं, इनके सात हाथों में कमण्डलु, धनुष, बाण, कमलपुष्प, अमृतपूर्ण कलश ,चक्र तथा गदा हैं, आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है। मान्यता है कि मां कुष्मांड़ा की पूजा करने से व्यक्ति का बुद्धि और विवेक बढ़ता है।
मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा आर्चना करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है और मां संकटों से रक्षा करती हैं। अगर आविवाहित लड़कियां मां की श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करती हैं तो उन्हें मानचाहे वर की प्राप्ति होती है और सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है।इसके अलावा देवी कुष्मांडा अपने भक्तों को रोग, शोक और विनाश से मुक्त करके आयु, यश, बल और बुद्धि प्रदान करती हैं।
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यूपी वैस्ट
स्टेट ब्यूरो चीफ चैनल
अशोक कुमार शिशौदिया
