फ़ास्ट न्यूज़ राजस्थान। भरतपुर मे जज ने तहसीलदार की सरकारी गाड़ी को जब्त करने का आदेश दिया है। जज ने यह आदेश 17 साल पुराने हुए एक हादसे में जुर्माना नहीं भरने के कारण दिया है। मामला यह है कि 17 साल पहले एक जुगाड़ ने बाइक सवार को टक्कर मार दी, जिसमें बाइक सवार का एक पैर कट गया था। जुगाड़ को सरकार ने बैन कर रखा है। इस घटना के बाद जिला और सेशन जज ने तहसीलदार को इसका दोषी माना कि उन्होंने जुगाड़ को सड़क पर रोका क्यों नहीं? इसके साथ ही तहसीलदार पर 1.5 का जुर्माना लगाया जो पीड़ित को देना था। इतने लंबे समय से जुर्माना नहीं देने पर जज ने तहसीलदार की गाड़ी को जब्त कर जुर्माना वसूलने का आदेश दिया है। अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल ने बताया कि 17 नवंबर 2007 को गांव बमूरी थाना बयाना निवासी बनयसिंह की बाइक को दमदमा मोड पर एक जुगाड़ ने टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में बनय सिंह का एक पैर कट गया था। इस पर पीड़ित विनय सिंह ने एडीजे कोर्ट (एमएसीटी) बयाना में क्लेम याचिका पेश की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए अपर जिला और सेशन जज संख्या-1 बयाना के तत्कालीन एडीजे कमल चंद नाहर ने 24 अगस्त 2012 को 4.50 लाख रुपए का अवार्ड पारित किया था। साथ ही टक्कर मारने वाले वाहन जुगाड़ को अवैध माना और सड़क पर उसके परिवहन को नहीं रोकने के लिए कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी को जिम्मेदार माना। इस पर अवार्ड राशि की एक तिहाई राशि भरतपुर कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी, भरतपुर के द्वारा पीड़ित को देने का आदेश पारित किया था। इस आदेश की पालना कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी द्वारा नहीं किए जाने पर पीड़ित के अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल ने राशि की वसूली के लिए कोर्ट में फिर से अर्जी लगाई। जिस पर अपर जिला जज संख्या-1 बयाना सोनाली प्रशांत शर्मा ने दोनों विभागों के प्रतिनिधि तहसीलदार बयाना को अवार्ड की एक तिहाई राशि 1.50 लाख रुपए राशि जमा कराने के निर्देश दिए। इसके बाद भी जब तहसीलदार ने राशि जुर्माना जमा नहीं करवाई तो जज ने आदेश दिया कि इनकी गाड़ी को जब्त करके जुर्माने कि राशि वसूल की जाए। जिस पर शनिवार को न्यायालय के सहायक नाजिर राम अवतार गुप्ता, सहायक कर्मचारी सिरमोहर मीना ने पीड़ित बनयसिंह के अधिवक्ता हितेन्द्र पटेल की मौजूदगी में तहसीलदार की गाड़ी को जब्त कर लिया।