सिकन्दरपुर (बलिया) गांधी जी की जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्टी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कि गांधी जी के कथनी और करनी में एकरूपता थी। उनका मानना था कि जन मानस मनुष्य के आचार विचार से प्रभावित होता है,न कि प्रवचनों से। यही कारण है कि गाँधी जी का जीवन एक दर्शन बन गया।गांधी जी सतही बुनियादी समस्याओं जैसे स्वच्छता अभियान,छुआछूत, हरिजन उधार, कुष्ठ रोगियों की सेवा,स्वदेशी,चरखा संचालन,नमक आंदोलन जैसे सामान्य सवालों पर जन आंदोलन चलाकर जनता को जोड़ने और संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान की। पूर्व सांसद रविन्द्र कुशवाहा ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सदा जीवन उच्च विचार की महत्ता को आत्मसात करते हुए प्रेरणा प्रदान किया।और कहा कि अपनी आवश्यकताओं को कम किये विना समाज व वयक्ति को जीवन मे शकुन नही मिल सकता।विधायक केतकी सिंह ने स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वदेशी, व स्वालम्बन का नारा देकर विदेशी बस्तुओं का बहिष्कार करने औऱ स्वदेशी बस्तुओं को अपनाने पर बल दिया। भाटपार के विधायक संभाकुवर ने कहा कि ग़ांधी जी ने दुनिया के सामने कोई नया विचार नही रखा बल्कि मनीषियों, व महापुरुषों ने जो विचार दिए थे उसी को अपने जीवन मे उतार कर गाँधी जी ने उसे मूर्त रूप दिया। जिससे मानव से महा मानव बन गये और "बापू" कहलाये। कार्यक्रम के आयोजक पूर्व मंत्री राजधारी ने कहा कि गांधी जी ने रचनात्मक एवम सृजनात्मक कार्यों से आमजनता को जोड़ते हुए अहिंसात्मक जन आंदोलन के माध्यम से भारत जैसे विविधता वाले देश मे करोड़ो लोगो को ब्रितानीया सरकार के विरुद्ध तैयार कर अहिंसात्मक आंदोलन के माध्यम से देश को आजादी दिलाई।गांधी जी के विचार और कार्यक्रम आज भी प्रासंगिक है। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भगवान पाठक पूर्व विधायक, मंजय राय, ओमप्रकाश यादव,अरविन्दराय,उमेश चंद , प्रयाग चौहान,संजय राय, सुदामा राय, कन्हैया, पूनम पांडे,योगिंदर सिंह ,शशिधर राय, बैजनाथ पांडेय, राजू सिंह, गुड्डू सिंह,गिरजेश मिश्रा, दयाशंकर भारती, मैनेजर चौहान आदि लोग उपस्थित रहे। अध्यक्षता जयराम पांडेय और संचालन भोला सिंह ने किया ।