एक स्त्री की योनि और स्तन उनके शरीर का ऐसा भाग है जिसके लिए मर्द कुछ भी करने को तैयार होते हैं...!!
यहां तक कि जो काम उन्होंने जिंदगी में कभी नहीं किया वो काम इसकी चाहत में कर गुजरते हैं...
समझ में नहीं आता की ये प्रेम अपनी पत्नी के लिए है या उनके शरीर के लिए, ये लगाव उनसे है या उनके निजी अंगो से...
यदि कोई स्त्री किसी पुरुष को अपने निजी अंगो तक पहुंचने दे रही है तो बेशक वो पुरुष उसके जीवन में कुछ खास जगह रखता है...
घर में विवाह की बात होती तो मेरे मन में भी ख्याल आता की अब तो वो सब मिलेगा जो हर लड़के को चाहिए होता है...
खैर घर वालो ने शादी के लिए लड़की ढूंढना शुरू कर दिया, और कुछ ही महीने में प्रीति से शादी फिक्स हो गई...
शुरुवाती आकर्षण जिस्मानी होता है, दिखने मे सुंदर सुडौल शरीर, हो सकता हो आप को ये लग रहा हो कैसा लड़का है, लेकिन यकीन मानिए 90% लड़के शादी से पहले ये सब देखते हैं...
मन में कई सवाल थे, लेकिन उन सब पर एक सवाल भारी था ये योनि और स्तन दिखने में ओर छूने में कैसे लगते होंगे...
शादी हो गई, सब अच्छा चल रहा था, प्रीति से प्रेम हो गया था, लेकिन ये समझ नही आता की ये प्रेम प्रीति से है या उसके शरीर से....
क्यों की किसी रात यदि प्रीति कुछ करने से मना करती तो मेरा मन खिन्न हो जाता और कई दिन हमारी बात ही नही होती..
पर जब हमारे बीच समागम होता तो ना जाने कैसे पल भर में सब ठीक हो जाता...
कुछ समय बाद मेरी पत्नी पेट से होती है, डॉक्टर का इलाज शुरू करवाया, अब मन में एक बेचैनी भी थी की कैसे नए मेहमान की जिमेदारी ली जाए ....
अभी दिमाग में ये सब चल रहा था, तभी डॉक्टर ने बताया की प्रीति की नॉर्मल डिलीवरी नही हो सकती है ऑपरेशन करना होगा....
ऑपरेशन को लेके दिमाग में अलग डर था, तभी कुछ लोगो ने सलाह दी की किसी और डॉक्टर को दिखाओ
दो, तीन डॉक्टर को दिखाने के बाद ये बात सामने आई की थोड़ी दिक्कत होगी, लेकिन नॉर्मल डिलेवरी करना ज्यादा अच्छा है,
9 मार्च को मैने प्रीति को भर्ती किया, कुछ ही समय बाकी था, बच्चे की डिलीवरी में, लेकिन तभी दर्द की वजह से प्रीति की पल्स गिरने लगी, और वो होश खोने लगी
डॉक्टर जानते थे की अगर ऐसी स्थिति में कुछ गडबड हुआ था तो बच्चा बाहर नही आ पायेगा,
तुरंत डॉक्टर अपनी अटेंडेंट को बाहर भेजती हैं
और मुझे अंदर बुलाती हैं
मुझे पूरी बात समझाई गई और बोला गया की अपनी पत्नी के पास जाओ और उसे मोटिवेट करो....
मैने ऐसे ही किया, मेरे सामने मेरी पत्नी नग्न अवस्था में पड़ी हुई थी, उसकी योनि खुली हुई थी जिसे मैं देख सकता था..
मुझे दिखाई दे रहा था की बच्चे का सिर बाहर दिख रहा है
ये वही जगह थी जहां जिसकी चाहत मुझे हर रात होती थी...
बच्चा बाहर आया तुरंत उसके सीने के कपड़े को हटाया गया और उसके स्तन दिख रहे थे और उसी स्तन पर बच्चे को लेटा कर साफ कपड़े से ढक दिया गया...
ये दोनो शरीर का वही अंग था जिसके लिए हर पुरुष सब कुछ करने को तैयार होता है उसे पाने की चाहत रखता है, ओर सच ये है कि मै भी उन पुरुषो मे शामिल हूँ....
जन्म भी उसी स्थान से होता है और जन्म के तुरंत बाद उसी छाती से गर्मी दी जाती है
लेकिन उस रात के बाद मेरी सोच मेरी पत्नी को लेकर बदल गई, एक महिला इतने कष्ट और दर्द सिर्फ इस लिए सहती है की मेरा वंश आगे बढ़ सके....
उस दिन मुझे ये समझ आया की मुझे उसके शरीर से नहीं बल्कि उससे प्रेम है...
और उससे ज्यादा मेरी आंखों में मेरी मां की इज्जत बढ़ गई, और मुझे ये एहसास हुआ की इस दुनिया में मुझे लाने के लिए मेरी मां ने कितने कष्ट सहे हैं...
मेरा मानना है जो लोग अपनी पत्नी को सिर्फ संभोग करने की चीज समझते हैं उन्हें एक बार प्रसव के दौरान अपनी पत्नी को जरूर देखना चाहिए....!!