यूपी वाराणसी। दिगंबर जैन समाज काशी द्वारा वाराणसी के भेलूपुर क्षेत्र स्थित पार्श्वनाथ की जन्मभूमि जैन मंदिर में चल रहे पर्युषण पर्व पर दश लक्षण विधान पर बताया गया कि उत्तम शौच धर्म हमें ये सिखाता हैं जो हमारे पास हैं उसी मे परमात्मा का शुक्रिया अदा करना चाहिए। संतोषी बन कर उसी से काम चलाना चाहिए। आज के भौतिक संसाधनों और धन दौलत मे ख़ुशी खोजना मात्र भ्रम है। "उत्तम शौच सर्व जग जाना, लोभ पाप को बाप बखाना, आशा पास महा दुख दानी, सुख पावे संतोषी प्राणी"। इसी क्रम में आज उत्तम सत्य धर्म के बारे मे काशी के विद्वान प्रोफेशर कमलेश कुमार और डॉ अशोक कुमार ने बताया की जीवन मे सत्य का बहुत महत्त्व हैं।
सत्यवादी की लोग प्रशंसा करते हैं, और असत्य वादी की लोग निंदा करते हैं, भारतीय संस्कृति की नीव सत्य एवं अहिंसा हैं, "कठिन बचन मत बोल, पर निंदा अरु झूठ तज, साच जवाहर खोल, सतवादी जग मे सुखी " पारस नाथ जन्म भूमि पर पर्युषण पर्व के अवसर पर दस लक्षण विधान भी चल रहा हैं विश्व मे शांति हो यही मुख्य उदेश्य हैं। इस पर्व और विधान मे सभी का विशेष सहयोग हैं जिसमें ऋषभ जैन {अध्यक्ष},, सिंघई संजय जैन {वरिष्ठ उपाध्यक्ष}विनोद कुमार,, पवन कुमार,, राहुल कुमार,, किशोर जैन अजित कुमार,,समेत समस्त जैन बंधुओ का बहुत ही सहयोग प्राप्त हो रहा हैं।