चंदौली जिले में "ROYAL PROPTECH LTD." नामक कागजी कंपनी ने निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। 2014 में इस कंपनी ने एजेंटों के माध्यम से स्थानीय निवासियों को निवेश के लिए प्रेरित किया एरिया मैनेजर जगदीश गुप्ता और शुक्लाचार्य गोंड ने यह दावा किया कि कंपनी सेबी (SEBI) से पंजीकृत है और निवेशकों को कम समय में दोगुना रिटर्न मिलेगा। निवेशकों को लालच दिया गया कि उन्हें सिर्फ नए लोगों को जोड़ना है, जबकि पैसा निकालने व दिलवाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से कंपनी की होगी।
कंपनी के मालिक हरीश राय और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज गुप्ता ने निवेशकों से बड़ी मात्रा में रकम इकट्ठा की और बाद में कंपनी का नाम बदलकर KOPS कर दिया। कंपनी ने वाराणसी के मालदहिया में अपना मुख्यालय स्थापित किया, जबकि चंदौली के चहनिया में इसकी एक शाखा थी। कंपनी ने जब निवेशकों से पैसे जमा कराए, तब उन्हें यह आश्वासन दिया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है और समय से पहले ही रिटर्न मिलेगा। लेकिन जैसे ही निवेशकों ने अपने पैसे वापस मांगने कोशिश की, कंपनी के अधिकारियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया और धमकियां देने लगे।
उसी कंपनी के एजेंट राजेश चौधरी, जिन्होंने अपने निवेशकों के पैसे वापस दिलाने के लिए आवाज उठाई, को गुड्डू कुमार s/o मुन्ना (जिसे कंपनी का डायरेक्टर बताया गया) और उनके वकील विनय कुमार राय chamber 173A, new building high court Allahabad (9473742992,8005242978), raivinay94@gmail.com द्वारा अल्टिमेटम देकर धमकाया गया। हालाँकि, गुड्डू कुमार का नाम किसी कानूनी दस्तावेज या कंपनी के बॉन्ड में दर्ज नहीं है, जिससे उसकी भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। राजेश चौधरी पर डिफेमेशन और ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाते हुये 5000000 रुपये की माँग की गई , ताकि उन्हें चुप कराया जा सके।
सूत्रों से यह भी पता चला है कि इस कंपनी ने पहले भी कई जिलों में ठगी की है। चंदौली,धानापुर,बबुरी,गाजीपुर,भदोही,जौनपुर,और हिनौती जैसे क्षेत्रों में इस कंपनी ने अपनी शाखाएं खोलीं, लोगों से बड़ी रकम इकट्ठा की और फिर शाखाओं को बंद करके फरार हो गई। भोले-भाले निवेशक कंपनी के झूठे वादों के जाल में फंसते रहे और कंपनी अपनी योजनाओं को अंजाम देती रही।
अब, इस बड़े घोटाले के शिकार हुए निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो और लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। निवेशकों ने यह भी मांग की है कि ऐसी कागजी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आम लोगों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।
यह मामला इस ओर भी इशारा करता है कि सरकारी स्तर पर इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ सख्ती बढ़ाई जानी चाहिए ताकि आगे किसी भी निवेशक को इस प्रकार के धोखे का सामना न करना पड़े।