फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया पिछले कुछ समय से डिपॉजिट ग्रोथ के मुकाबले लोन ग्रोथ लगातार ज्यादा देखने को मिल रही है। इसका मतलब है कि लोग बैंकों से कर्ज अधिक मात्रा में ले रहे हैं, लेकिन उस अनुपात में अपना पैसा नहीं जमा कर रहे। अगर यह सिलसिला आगे भी जारी रहता है, तो बैंकिंग सिस्टम के सामने नकदी का संकट पैदा हो सकता है। यह बात फिक्की और आईबीए की एक रिपोर्ट में कही गई है। डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ाने पर फोकस यह रिपोर्ट बताती है कि बैंक लोन ग्रोथ के तालमेल बनाने के लिए डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ाने पर फोकस कर सकते हैं। साथ ही, कर्ज लागत को कम रखना भी उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जोर दिया था कि बैंकों को डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ाने के लिए आकर्षक ब्याज दरों की पेशकश करनी चाहिए। इससे लोग बैंकों में पैसा जमा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।