फास्ट न्यूज इंडिया : राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज बुधवार 28 अगस्त को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुआई में कैबिनेट की बैठक होने वाली है. इस बैठक में वन स्टेट-वन इलेक्शन और UPS समेत कई मुद्दों पर अहम फैसला लिया जा सकता है. बहरहाल, आइए जानते हैं कि आखिर UPS यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है और यह NPS और OPS से कैसे अलग है.
रिपोर्ट्स की मानें, तो देश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश की गई नई पेंशन योजना UPS अगले साल 1 अप्रेल से लागू की जाएगी. इस योजना के तहत अब केंद्रीय कर्माचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी. कर्माचारियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि उनके अंतिम 12 महीनों की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा. कर्मचारियों को UPS का लाभ उठाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करना अनिवार्य होगा.
अगर कर्माचारी की मौत हो जाती है, तो एक निश्चित पेंशन राशि का लाभ परिवार वालों को दिया जाएगा. कर्मचारी के परिवार को मिलने वाली राशि कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी होगा. इसके अलावा मिनिमम एश्योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा. इसका मतलब यह है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं, उन्हें कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन दी जाएगी.
बता दें कि UPS का लाभ केवल केंद्र सरकार के कर्मचारी ही उठा सकते हैं. वहीं, NPS का लाभ सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर के कर्मचारी उठाते हैं, जबकि OPS का लाभ भी केवल सरकारी कर्मचारी ही उठा पाते हैं. OPS के लिए कर्मचारी के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं की जाती है, जबकि NPS के लिए वेतन से 10% की कटौती होती है. वहीं, अब UPS में यही अमाउंट कटेगा. हालांकि, इसमें सरकार की ओर से 18.5% का योगदान दिया जाएगा.