सरकारी कर्मचारी में पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने का पर्याय मानव संपदा पोर्टल-भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी सरकारी कर्मचारीयों को अपनी चल अचल संपत्तियों का ब्यौरा पोर्टल पर डालने की,यूपी सरकार नियमावली 1956 नियम 2,4 मॉडल को हर राज्य ने सख़्ती से अपनाना समयकी मांग-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
31 अगस्त तक संपत्ति का विवरण देने वालों को ही अगस्त महीने का वेतन दिया जाएगा, जबकि अन्य सभी का वेतन रोक दिया जाएगा।नवीनतम आदेश में कहा गया है कि अनुपालन न करने पर पदोन्नति भी प्रभावित होगी। बता दें कि मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण देने की व्यवस्था पहली बार की जा रही है, इसलिए शुरुआती कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को पोर्टल पर विवरण देने का एक और मौका देते हुए इसकी अंतिम तिथि 31 अगस्त कर दी गई है।
साथियों बात अगर हम राज्य सरकार के इस सराहनीय कदम की तारीफ की करें तो,राज्य सरकार ने इस कदम को उचित ठहराते हुए कहा है कि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। मंत्री ने कहा,इस उपाय का उद्देश्य सरकार के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है। मुख्यमंत्रीऔर पीएम के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है। विपक्ष ने इस कदम की आलोचना की है और कहा है कि कई बार समय सीमा बढ़ाए जाने से पता चलता है कि राज्य सरकार अपने आदेश को लागू करने में विफल रही है।एक पार्टी के प्रवक्ता ने कहा उन्होंने इसे 2017 में क्यों नहीं लाया? अब सरकार बैकफुट पर है, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया है कि उनके सभी कर्मचारी भ्रष्ट हैं। यह एक अनुवर्ती है, वे इसे लागू करने में सक्षम नहीं थे।सभी श्रेणी के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चल और अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य है।जबकि प्रदेश की सरकार भ्रष्टाचार को लेकर फुल ऑन एक्शन मोड में है। इस बीच सीएम अपने अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सख्ती बरतने में परहेज नहीं कर रहे।
साथियों बात अगर हम यूपी बेसिक शिक्षा अधिकारी के एक आदेश की करें तो,यूपी में एक बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने विभाग के सभी कर्मियों और शिक्षकों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने का आदेश जारी किया है।उन्होंने विभाग के लिए एक लेटर जारी करते हुए कहा है कि अगर 24 अगस्त तक ब्यौरा नहीं दिया गया तो पत्र एक्शन लिया जा सकता हैअपने आदेश में शासनादेश का हवाला देते हुए कहा कि यूपी सरकार की ओर से मानव सम्पदा पोर्टल पर राज्य कर्मचारियों को चल-अचल सम्पति का विवरण दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए गये हैं।इस शासनादेश को देखते हुए विभाग के सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि आप मानव सम्पदा पोर्टल पर चल-अचल सम्पति का विवरण जिला समन्वयक एमआईएस से 24.08.2024 तक पोर्टल में फीड करवा दें।आदेश में आगे कहा गया है कि अपनी चल अचल सम्पति का विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर फीड कराये जाने के बाद सभी अधिकारी कर्मचारी इसका प्रमाण-पत्र सेल्फ अटेस्ट करके कार्यालय में जमा करवा दें। अगर विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी अपनी सम्पति का पूरा ब्योरा नहीं देता या फिर दिए गए वक्त में उसे फीड नहीं करवाता तो उस अधिकारी कर्मचारी का अगस्त महीने का वेतन उसे नहीं दिया जाएगा। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल अचल संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर 31 अगस्त 2024 तक अपलोड के आदेश से हड़कंप मचा-ब्योरा नहीं तो वेतन व प्रमोशन भी नहीं।सरकारी कर्मचारी में पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने का पर्याय मानव संपदा पोर्टल-भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।सरकारी कर्मचारीयों को अपनी चल अचल संपत्तियों का ब्यौरा पोर्टल पर डालने की,यूपी सरकार नियमावली 1956 नियम 2,4 मॉडल को हर राज्य ने सख़्ती से अपनाना समय की मांग है।
राम जी साहू