Fast news को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी कानून में संशोधन करने को मंजूरी दे दी है. सूत्रों ने बताया कि एक नई धारा 11ए को शामिल करने का फैसला किया है. सभी संशोधन संसद की मंजूरी के लिए आगामी मानसून सत्र में पेश किए जाने की संभावना है.
Fast news Exclusive- सूत्रों ने कहा, संसद की मंजूरी के बाद, इस धारा को जीएसटी कानून में जोड़ दिया जाएगा.
जीएसीटी कानून नई धारा 11ए- नई धारा ऐसे मामलों में राहत दे सकती है, जिनमें पेनल्टी के तौर पर रकम, पुराने साल से वसूली जाती थी.
इसको कुछ इस तरह समझते हैं...अगर किसी कंपनी से 18 फीसदी जीएसटी वसूली जा रही है. लेकिन, जीएसटी अथॉरिटी कहती है ये अभी तक सही नहीं था. आपको 28 फीसदी टैक्स चुकाना होगा.
ऐसे में कंपनियों से टैक्स वसूली कई साल पहले से की जाती थी. वहीं, नए कानून के बाद ऐसा नहीं होगा. नए कानून के बाद कंपनियों को इसमें छूट मिलेगी.
अब क्या होगा? सूत्रों का कहना है कि “संसद की मंजूरी और अधिसूचना के बाद, इस धारा 11ए का उपयोग आवश्यकता पड़ने पर जीएसटीसी में सेक्टर-आधारित चर्चा के बाद किया जा सकता है.
11ए धारा सरकार को इसे यूज करने के लिए कानूनी मदद करेगा. जब भी काउंसिल किसी सेक्टर के लिए फैसला लेना चाहेगी तो आसानी से ले सकेगी.
ईएंडवाई के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल का कहना है कि धारा 11ए पर जोर देना काफी महत्वपूर्ण है.
लेकिन धारा 11ए का फायदा उन्हें नहीं मिलेगा. जिन्होंने जीएसटी पहले ही दे दिया है. इससे पुराने टैक्स मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने आगे कहा, "धारा 11ए कितना सफल होगा. ये इसकी परिभाषा और इसके आसपास अच्छी तरह से परिभाषित दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन पर निर्भर करेगा. यह तय करने के लिए इससे जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर फैसला लेना जरूरी है.
