EPaper LogIn
एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।

पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
  • 151168597 - RAJESH SHIVHARE 1 0
    04 Jun 2024 20:29 PM



पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।  

9 से 6 की ड्यूटी, और मानसिक थकान में।।  

 

**🖋️२**  

मन गांव में ही रह गया, शरीर शहर का वासी है।  

ताज़ा बस, ख़बर यहाँ, तासीर बासी_बासी है।।  

 

**🖋️३**  

दो जन दोनों कमाने वाले, बच्चों को कौन संभाले।  

टारगेट के पीछे भाग रहे हैं, तन को कर, बीमा के हवाले।।  

 

**🖋️४**  

यारों का न संग रहा, न न्योता न व्यवहार।  

खुद के घर जाते हैं बन, जैसे रिश्तेदार।।  

 

**🖋️५**  

कर बंटवारा एकड़ बेचा, वर्ग फीट के दरकार में।  

बिछड़े, पिछड़ा कह के, खो गए अगड़ों के कतार में।।  

 

**🖋️६**  

शुरुवाती; मज़ा बहुत है, एकाकी; स्वप्न; संसार में।  

मुसीबत हमेशा हारा है, संगठिक संयुक्त परिवार में।।

 

**🖋️७**  

मात, पिता न आने को राजी, गांव में नौकरी है कहां जी।

जिनके पास दोनों है बंधुओं, उनका जीवन है शान में 

 

पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।  

9 से 6 की ड्यूटी, और मानसिक थकान में।।  

 

~Rajesh Shivhare country incharge magazine 151168597🖋️🖋️



Subscriber

187478

No. of Visitors

FastMail

बस्ती - पीएम ने मन की बात में योग, आपात काल और श्रावण मास पर की चर्चा     वाराणसी - झूम के बरसे बादल, लबालब हुए कई क्षेत्र; मानसून आने से किसानों को राहत     हरदोई - यूपी के किसान 31 जुलाई से पहले करवा लें फसल बीमा, नहीं तो पछताना पड़ेगा     अयोध्या - एक महीने में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे रामजन्मभूमि परिसर के सभी मंदिर     नई दिल्ली - ऑफिस में REEL देखने वाले हो जाएं सावधान, रखी जा रही है कड़ी नजर जा सकती है नौकरी     बंगाल - लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में उठे सवाल, महिला आयोग की टीम ने लगाए कई आरोप     भुवनेश्वर - पुरी रथ यात्रा भगदड़ मामले SP-DM का ट्रांसफर और पुलिस अधिकारी निलंबित