_इतवार का दिन था! इतवार को हमारे साप्ताहिक बाज़ार लगता है।_
_सब्जी से लेकर लगभग सभी घरेलू सायहाँमान,बाज़ार में आसानी से मिल जाता है।_
_आसपास के लोग भी इसी बाज़ार में ख़रीदारी करने आते हैं।_
_मैं भी हर हफ्ते की भाँति सब्जी,दालें और कुछ सामान लेकर आ रहा था।_
_आइसक्रीम वाले के पास से गुजरा- तो कदम रूक गये!_
_*आइसक्रीम* बचपन से ही मेरी कमज़ोरी रही है- और पत्नी व बेटी की भी डिमांड थी!_
_मैंने आइसक्रीम वाले के पास जाकर पूछा- भैया, आइसक्रीम...!?_
_तो उसने मेरे हाथ में प्राइज लिस्ट थमाकर कहा- देख लीजिए भैया जी ! *कौन सी दूं...?*_
_मैंने सरसरी नज़रों से प्राइज लिस्ट का मुआयना किया और पाया कि 15 रूपए से 90 रूपए तक की आइसक्रीम है।_
_मैंने अपनी जेब से 25 रूपए निकालकर अपनी हैसियत के अनुसार आइसक्रीम ख़रीद ली- और आइसक्रीम वाले के पास खड़ा होकर,उससे बातें करता हुआ,आइसक्रीम खाने लगा।_
_मैंने पूछा - क्यों भाई! यह तुम्हारी अपनी ही आइसक्रीम गाड़ी है.....?_
_हाँ बाबू जी! आइसक्रीम वाले ने कहा: अब भला कब तलक दूसरों की मज़दूरी करें और महंगाई का टेम है, *200-250 रूपए में क्या होता है ।*_
_तीन बच्चे भी हैं,बच्चे पढ़ते भी हैं,किराया भी है, बिजली का बिल वगैरह आदि।_
_बड़ी मुश्किल है- साहिब!, कैसे जीया जाए, इस महंगाई में:_
_मैंने भी अपना दुखड़ा रोना शुरू किया - हाँ भाई,सही कह रहे हो- गुजर बसर करनी मुश्किल हो रही हैं!_
_इस देश से मीडिल क्लास वाले ख़त्म ही हो जायेंगे,या तो एकदम:_
*_अपर या एकदम लोअर क्लास ही बचेगी!_*
_अभी मेरी बातचीत आइसक्रीम वाले से हो ही रही थी- कि तभी एक आदमी,औरत,और एक बच्चा (आयु लगभग 5 वर्ष ),आइसक्रीम वाले के पास आकर रुक गए। देखने में दोनों ईंट भट्टा के मज़दूर लग रहे थे- क्योंकि हमारे यहाँ ईंट भट्टा कम्पनियों की भरमार है!_
_उस आदमी ने सकुचाते हुए,आइसक्रीम वाले से कहा: *तीन ठो, आइसक्रीम तो दीजिए 5-5 वाली।*_
_आइसक्रीम वाला- कड़क आवाज़ में बोला: हम 5 वाला आइसक्रीम नहीं रखते- 15 वाला है, लीजिएगा!_
_आइसक्रीम वाले की बात सुनकर तीनों का चेहरा लगभग उतर गया!_
_बच्चे ने माँ का पल्लू खींचकर - धीरे से *आइसक्रीम* कहा उस आदमी ने फिर साहस करके - अपनी जेब में हाथ डालकर,जेब में पड़ी चिल्लर को हिलाया- और औरत की तरफ़ देखकर कहा: *का हो,खा बानी!* औरत ने सिर हिलाते हुए कहा: *ना,चली बे।*_
_ऐसा कहकर तीनों वहाँ से चल दिए! मैं वहीं खड़ा होकर यह सब देख रहा था ।_
_ना जाने क्यों,मेरा मन मचल रहा था कि मैं उन तीनों को आइसक्रीम दिला दूँ।_
_किन्तु मेरे पास जो पैसे थे,उनसे कुछ बीबी का बताया हुआ- सामान लेकर जाना था !और अपनी बिटिया के लिए भी आइसक्रीम लेकर जानी थी,सो मैं अपने मन के भाव को वहीं मारकर,खड़ा रहा।_
_जब तक मैं आइसक्रीम वाले से उनके बारे में कुछ कहता- कि अचानक तीनों वापिस आ गए - और आइसक्रीम वाले से कहा- *दीजिए ! एक ठो आइसक्रीम।*_
_आदमी ने अपनी जेब से चिल्लर रूपी - *15 रूपए* इकट्ठे करके आइसक्रीम वाले को दे दिये और आइसक्रीम लेकर औरत को थमा दी।_
_औरत ने सबसे पहले आइसक्रीम बच्चे को खिलाई- और फिर उसके बाद उस आदमी को खाने के लिए दी।_
_आदमी ने आइसक्रीम लेने में संकोच करते हुए बोला: *ना बानी,तुम खाबो।*_
_लेकिन उस औरत ने जबरदस्ती अपनें हाथों से,उसे आइसक्रीम खिला दी।_
_एक बार आइसक्रीम खाकर उस आदमी ने, आइसक्रीम औरत के होंठों से लगा दी।_
_औरत से ज़रा सी चखकर,बाकी की आइसक्रीम- बच्चे को थमा दी।_
_मै वहीं खड़ा होकर यह दृश्य देख रहा था, तथा कुछ देर पहले आइसक्रीम वाले के साथ मिलकर अभावों का रोना रो रहा था।_
_*वो तीनों जीवन के हसीन लम्हें - सीमित संसाधनों में खुशी-खुशी जीकर जा रहे थे।*_
_मैं और आइसक्रीम वाला,दोनों एक दूसरे को चुपचाप समझा रहे थे- कि खुशियाँ- ना तो ज़्यादा से बढ़ती हैं- और ना ही कमी से कम होती है।_
*_बस आपको हर परिस्थिति में उत्सव मनाने का तरीका आना चाहिए।_*
चित्र घर का बना आइसक्रीम का है शायद आपको पसंद आये.. Rajesh Shivhare country incharge magazine 151168597
