ग्वालियर. शुक्रवार की शाम पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिगार वह महल के पिछले दरवाजे से अंदर आये, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर माधवीराजे सिंधिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा अन्य कांग्रेस भी थे। सिंधिया राजघराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन 15 मई सुबह 9.28 बजे एम्स दिल्ली में हो गया था। पार्थिव देह को 16 मई को ग्वालियर लाया गया था। जहां कटोराताल स्थित सिंधिया छत्री परिसर में राजमाता का अंतिम संस्कार किया गया था। उसके बाद से लगातार महल में राजमाता को श्रद्धांजलि देने आने वालों का आना-जाना लगा है।
गुरुवार को जहां उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह और मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ग्वालियर पहुंचे। वह शाम 5.15 बजे महल के जीवाजी क्लब वाले दरवाजे से अंदर दाखिल हुए। करीब एक घंटा वह सिंधिया महल में रहे। वह केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके सुपुत्र महान आर्यमन सिंधिया से भी बातचीत करते नजर आए।
सिंधिया परिवार से बताए पारिवारिक रिश्ते
पूर्व सीएम व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा कि मैं इस दुख की घड़ी में सिंधिया परिवार के साथ हूं। इस परिवार से पारवारिक रिश्ते हैं। यह अभी से नहीं हैं, बल्कि पुराने हैं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के समय और उनसे पहले के हैं। राजमाता का निधन कभी न भरने वाली क्षति है। मैं ईश्वर से यही कामना करता हूं कि परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे।पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि सिंधिया परिवार से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया के समय से यह रिश्ते हैं। राजामाता का जाना बेहद दुःखद है। यह क्षति न भरने वाली क्षति है।