यूपी लखीमपुर खीरी। दुधवा में बाघों की बढ़ती आबादी से अब हाथियों के कुनबे में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्ष 2020 की गणना के मुताबिक 145 हाथी थे, जबकि वर्तमान समय में इनकी संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई है। इनमें अधिकतर हाथी नेपाल के हैं। 680 वर्ग किलोमीटर और 10 रेंजों में दुधवा नेशनल पार्क की समृद्ध जैवविधिता, आबोहवा, भोजन, पानी की प्रचुरता हाथियों को खूब रास आ रही है। जिसके चलते हर साल नेपाल के शुक्ला फाटा नेशनल पार्क से आने वाले जंगली हाथियों के झुंड यहां से वापस जाने का नाम नहीं लेते। यहां नेपाल से आने वाले हाथियों को जंगल से सटे गांवों के खेताें में उनका पसंदीदा भोजन केला, धान और गन्ना काफी मात्रा में उपलब्ध है। दिन में आराम करने के बाद रात में ये हाथी जंगल से निकलकर किसानों के खेतों में पहुंचकर फसलों को खाने के साथ ही बर्बाद करते हैं। यही कारण है कि नेपाल वापस जाते समय इन हाथियों के झुंड में से अधिकतर हाथी यहां स्थायी तौर पर ठिकाना बना रहे हैं। समय के साथ प्रकृति और पर्यावरण में बदलाव के चलते हाथियों को दुधवा के जंगल लुभाने लगे हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी ललित वर्मा ने बताया कि शिवालिक के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व दूसरा हाथी अभयारण्य घोषित हुआ है। 2200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में इसका विस्तार बहराइच से लेकर पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले तक है। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने किया था सर्वे संवाद भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई ) देहरादून की टीम ने दुधवा नेशनल पार्क में वर्ष 2022-23 में मई-जून में कैमरे लगाकर हाथियों की गणना की थी। जिसमें वर्ष 2020 की गणना 145 के सापेक्ष इनकी संख्या 200 से अधिक पाई गई थी। दुधवा में हाथियाें की गणना का काम पूरा हो चुका है। अनुमान के मुताबिक इस समय यहां 200 सौ से अधिक हाथी सक्रिय हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन के लिए यह गौरव की बात है। हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है।