प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि भारत के ऐसे सभी ऐतिहासिक स्थलों सहित हर घर की पवित्र मिट्टी का पूजन कर ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ का समापन कार्यक्रम ‘मेरी माटी-मेरा देश’ के रूप में मनाया जाए। बीते माह एक सितंबर से इस अभियान की शुरुआत हुई है। भारत के प्रत्येक गांव के लगभग 30 करोड़ परिवारों से अमृत कलश में मिट्टी या चावल का संग्रह किया गया है। किसी भी सच्चे नागरिक के लिए उसके देश की मिट्टी से बढ़कर कुछ नहीं होता है। इतिहास गवाह है हमारे वीर जवानों ने ‘खून भी देंगे जान भी देंगे-देश की माटी कभी नहीं देंगे’ के भाव को आत्मसात करते हुए वतन की मिट्टी की खातिर लाखों बलिदान दिए और दुश्मनों को मौत के घाट भी उतारा। मिट्टी से ही जीवन है और मिट्टी में ही जीवन का अंत, मिट्टी पवित्रता की पराकाष्ठा भी है और संकल्पों की शक्ति भी है।