खाली पेट दूध का सेवन करना जितना अच्छा होता है, दही, छाछ और लस्सी उतनी ही आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि ये तीनों ही हेल्दी फूड्स हैं और शरीर को बहुत अधिक पोषण देते हैं, लेकिन जब आप इनका सेवन सुबह एकदम खाली पेट कर लेते हैं तो ये आपके लिए दिक्कतें खड़ी कर सकती हैं। दही बहुत पौष्टिक होती है और हम सभी नाश्ते में दही खाना पसंद करते हैं नाश्ते में दही खाना गलत नहीं है। लेकिन सिर्फ दही खाना सही नहीं है। ऐसा करने से आपका बीपी तुरंत लो हो सकता है और आपको बेहोशी जैसी नींद आ सकती है। इतनी तेज नींद कि दिमाग काम करना बंद कर दे और बिस्तर के अलावा कुछ और दिखाई ही ना दे आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।
खाली पेट क्यों न खाएं दही और छाछ?
दही, लस्सी और छाछ तीनों की तासीर ठंडी होती है और सुबह के समय जठराग्नि बहुत तेज होती है। जठराग्नि या पाचकाग्नि शरीर की उस ऊर्जा को कहते हैं, जो भूख बढ़ाने और भोजन को पचाने का काम करती है। इसे आप डायजेस्टिव फायर के रूप में भी समझ सकते हैं। क्योंकि सुबह के समय डायजेस्टिव फायर बहुत तेजी होती है। ऐसे में जब आप खाली पेट इन शीतल प्रकृति के भोज्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो ब्ल्ड प्रेशर तेजी से कम की समस्या हो सकती है या फिर आपको इनका सेवन करते ही बहुत तेज नींद आ सकती है, बिल्कुल ऐसे जैसे आपने कोई नशीला पदार्थ ले लिया हो। इसलिए दिन की शुरुआत में इन फूड्स का सेवन ना करें।
दही खाने का सही नियम
आयुर्वेद के अनुसार, सफेद दही का सेवन भोजन के साथ भी नहीं करना चाहिए। दही के साथ चपाती खाने का हमारे यहां जो ट्रेंड है वो लाल दही के साथ है। क्योंकि लाल दही कढ़े हुए दूध से तैयार की जाती है वो दूध जो 20 से 24 घंटे तक मिट्टी के बर्तन में कंडों की आंच पर पककर तैयार होता है। इतना कढ़ने के बाद जब इस दूध से दही तैयार की जाती है तो वो सफेद दही से कहीं अधिक पौष्टिक होती है और उसे चपाती के साथ खाने पर शरीर को नुकसान नहीं होता। जबकि सफेद दही को भोजन के साथ खाना आयुर्वेद में वर्जित माना गया है। आप इस दही का सेवन दोपहर में स्नैक्स टाइम में कर सकते हैं।
