जिस समय अमेरिका और यूरोप में चीन से संबंध-विच्छेद (डी-कपल) या संबंधों में जोखिम घटाने (डी-रिस्किंग) की चर्चा जोरों पर है, टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने एक अलग ही रास्ता अख्तियार कर लिया है। मस्क इस हफ्ते चीन की यात्रा पर आए। यहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। उधर मस्क ने यह साफ कर दिया कि वे चीन के साथ अपने कारोबारी रिश्तों को और मजबूत करेंगे।
एलन मस्क तीन साल के बाद चीन यात्रा पर आए। चीनी मीडिया में उनकी इस यात्रा को चीन की एक जीत रूप में पेश किया जा रहा है। कहा गया है कि मस्क ने यह साफ कर दिया है कि पश्चिम में हर कोई चीन से संबंध तोड़ने के बारे में नहीं सोच रहा है। इसके अलावा मस्क ने यह संकेत देने में भी कोई कोताही नहीं बरती कि एशिया अब इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और आविष्कार का नया केंद्र बन गया है। टेस्ला इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी रही है।
चीन सरकार मस्क और पश्चिम के दूसरे कारोबारियों की चीन यात्रा को हाई प्रोफाइल बनाने (बहुप्रचारित करने) में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मस्क से पहले अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन चेज के प्रमुख जेमी डिमॉन की यात्रा के समय भी ये बात सामने आई थी। विश्लेषकों के मुताबिक यह रुख अपना कर चीन यह संदेश देना चाह रहा है कि उसने व्यापार के लिए अपने दरवाजे फिर से खोल दिए हैं। इस तरह 2020 से अलीबाबा कंपनी के सीईओ जैक मा और अन्य कंपनियों पर हुई कार्रवाई से बनी इस धारणा को वह तोड़ने की कोशिश कर रहा है कि विदेशी पूंजी से अब चीन की दुश्मनी हो गई है।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक चीन की अर्थव्यवस्था इस समय संकटग्रस्त है। मई के आर्थिक आंकड़े और भी ज्यादा निराशाजनक रहे हैं। मई में चीन के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ी गिरावट दर्ज हुई। यह लगातार तीसरा महीना रहा, जब ऐसी गिरावट दर्ज हुई। आर्थिक विश्लेषक केल्विन वॉन्ग ने वेबसाइट एशिया टाइम्स से कहा- चीन में मुद्रा संकुचन का खतरा है। इसके बीच चीन को गुजरे वर्षों में बनी धारणा को तोड़ना जरूरी हो गया है।
जापानी वित्तीय कंपनी नोमुरा इंटरनेशनल से जुड़े अर्थशास्त्री लू तिंग मैनुपैक्चरिंग पीएमआई में भारी गिरावट इस बात का संकेत है कि मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी की आशंका ठोस रूप लेती जा रही है। अमेरिकी बैंक गोल्डमैन सैक्श के अर्थशात्री हुई शान ने कहा है कि देश और विदेश दोनों जगहों पर मांग घटने के कारण चीन की आर्थिक वृद्धि दर अपनी गति खो रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इन परस्थितियों में चीन सरकार उसकी नीतियों को लेकर बनी धारणा को तुरंत बदलना चाहती है। इसीलिए एलन मस्क की यात्रा को प्रचारित करने में पूरा जोर लगाया गया है। मस्क के चीन से पुराने कारोबारी संबंध रहे हैं। उनकी कंपनी टेस्ला का शंघाई में एक बड़ा कारखाना है, जहां इलेक्ट्रिक वाहनों का दुनिया भर में निर्यात होता है। ऐसे में चीन को खुश रखना उनकी जरूरत भी रही है। लेकिन यह माना जा रहा है कि जिस मौके पर पश्चिमी कंपनियां चीन से हटने के संकेत दे रही हैं, मस्क ने संबंध और बढ़ाने की बात कह कर पश्चिमी एजेंडे को चोट पहुंचाई है।
