संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवागत कुलसचिव राकेश कुमार ने कहा कि ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केंद्र और आईकेएस की शुरुआत में देरी के कारणों की जांच कराई जाएगी और जिम्मेदारी भी तय होगी। निर्धारित समय में इंडियन नॉलेज सिस्टम की शुरुआत क्यों नहीं हो सकी, यह जांच का विषय है। 59वें कुलसचिव के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद राकेश कुमार ने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार विश्वविद्यालय में पठन-पाठन और अनुशासन पहली प्राथमिकता होगी। संस्कृत से ही संस्कृति है और अगर संस्कृत कमजोर रहेगी तो संस्कृति भी विकृत होगी। संस्कृत की बदौलत ही भारत विश्वगुरु बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। मुख्य सचिव के निरीक्षण के दौरान सभी चिह्नित बिंदुओं को दुरुस्त किया जाएगा। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को देश का सर्वश्रेष्ठ विवि बनाना हम सभी का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने सभी कार्यालय, मुख्य भवन, पाणिनी भवन और वाग्देवी मंदिर का निरीक्षण किया। स्वागत उपकुलसचिव केशलाल, सहायक कुलसचिव सुनील यादव, जनसंपर्क अधिकारी शशींद्र मिश्र और सुरक्षा अधिकारी अजय कुमार पांडेय ने किया। प्रोफेसर के कुर्ते पर पान की पीक पर दी नसीहत स्वागत करने पहुंचे एक वरिष्ठ प्रोफेसर के कुर्ते पर पान की पीक देखकर राकेश कुमार ने नसीहत दे डाली। कुलसचिव ने कहा कि आप प्रोफेसर हैं और इस तरह आपके कुर्ते पर पान की पीक शोभा नहीं देती है। आपको पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। कुलसचिव के इस तेवर पर प्रोफेसर कुछ भी जवाब नहीं दे सके। दो साल बाद मिला पहला आईएएस कुलसचिव संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नवागत कुलसचिव 2012 बैच के आईएएस हैं। वह इलाहाबाद विवि से दर्शन शास्त्र में परास्नातक हैं। दो साल बाद विश्वविद्यालय में नियमित और पहले आईएएस कुलसचिव की नियुक्ति शासन ने की है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं चिह्नित की थीं। साफ-सफाई, रखरखाव और व्यवस्थागत खामियां मिली थीं। मुख्य सचिव ने तीन साल के लिए कुलसचिव के पद पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की संस्तुति की थी। साथ ही 15 बिंदुओं के साथ अगले तीन साल की कार्ययोजना भी तैयार की थी।
