विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए प्रमुख खतरों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण (फंडिंग) और प्रचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने शुरुआती संबोधन में जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से मुकाबला किया जाना चाहिए और इसे किसी भी परिस्थिति में माफ नहीं किया जाना चाहिए। पांच देशों का समूह ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) दुनिया के पांच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी का 41 फीसदी है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 फीसदी और वैश्विक व्यापार का 16 फीसदी प्रतिनिधित्व करता है। विदेश मंत्री जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में ब्रिक्स मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, 1 जून को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा के दौरान लावरोव ने अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात। इस दौरान द्विपक्षीय एजेंडे के सामयिक मुद्दों व अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा की गई। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की सराहना की। एससीओ, ब्रिक्स और जी-20 में वार्ता का विस्तार करने पर खास फोकस किया गया। मंत्रालय ने आगे कहा, इस दौरान पारस्परिक स्वभाव को अंतरराज्यीय संबंधों की एक निष्पक्ष बहुध्रुवीय प्रणाली के निर्माण के पाठ्यक्रम को जारी रखने पर चर्चा गई, जिसमें नव-औपनिवेशिक प्रथाओं के इस्तेमाल की रोकथाम और बाधा शामिल है।