अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश के नागरिकों को चेतावनी दी है कि चीन मुश्किल और कठिन सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने देश के नागरिकों से सबसे खराब परिस्थियों के लिए तैयार रहने को कहा। राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग की बैठक की अध्यक्षता करने वाले शी ने कहा कि देश के सामने राष्ट्रीय सुरक्षा समस्याओं की जटिलता और गंभीरता नाटकीय रूप से बढ़ी है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे को रणनीतिक आत्मविश्वास का निर्माण करना चाहिए, जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त आत्मविश्वास होना चाहिए और अपनी ताकत और फायदों के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए। शी ने बैठक में इस बात पर जोर दिया कि 'हमें सबसे खराब स्थिति और चरम परिदृश्यों के लिए तैयार रहना चाहिए, और तेज हवाओं, पानी और यहां तक कि खतरनाक तूफानों के प्रमुख परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।' इसमें कहा गया है, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली और क्षमता के आधुनिकीकरण के लिए और प्रयास किए जाने चाहिए और वास्तविक लड़ाई तथा व्यावहारिक समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
बैठक में जोखिम निगरानी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के निर्माण में तेजी लाने के दिशानिर्देशों और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में व्यापक सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत करने पर दिशानिर्देश सहित दस्तावेजों पर विचार-विमर्श किया गया और उन्हें अपनाया गया। शी पिछले साल तीसरी बार चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का प्रमुख चुने जाने के बाद से सुरक्षा बढ़ाने और सैनिकों के युद्ध स्तर को बढ़ाने पर अधिक जोर दे रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब शी ने चीन के सामने आने वाली सुरक्षा स्थिति को रेखांकित किया है। मार्च में उन्होंने वाशिंगटन पर चीन के खिलाफ पश्चिमी दमन का नेतृत्व करने का आरोप लगाया। हाल के दिनों में शी ने सुरक्षा को लेकर बयानबाजी तेज कर दी है क्योंकि चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर सहित कई मोर्चों पर अमेरिका के खिलाफ खड़ा हो रहा है। वाशिंगटन ने सुरक्षा चिंताओं पर कई चीनी तकनीकी फर्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बारे में बीजिंग ने कहा कि इसका उद्देश्य उसके विकास को रोकना था।
