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सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में संस्कार शिविर के चतुर्थ दिवस का आयोजन
  • 151045804 - SHAHANOOR ALI 0



उत्तराखंड, गदरपुर: 25 मई 2023 को नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पांच दिवसीय बाल संस्कार शिविर के चतुर्थ दिवस का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ आज की मुख्य अतिथि डॉक्टर श्रीमती मनप्रीत आनंद बठला जी, इस्कॉन से दीक्षित श्रीमती वीणा वादिनी माताजी, हार्टफूलनेस मेडिटेशन की टीम के प्रशिक्षक श्री विकास शर्मा जी, श्री कुलजस राय मदान जी, श्री अनिल कुमार कश्यप जी, श्री सुभाष गुंबर जी, श्री विशम्बर लाल गुंबर जी, श्री सतवीर जी, मुद्रा विशेषज्ञ सुश्री विलासिनी शर्मा जी, प्रांतीय रक्तदान प्रकल्प संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार जैन जी द्वारा दीप प्रज्वलन तथा भारत माता और स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्प अर्पण करके किया गया तत्पश्चात राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम तथा देश भक्ति गीत 'देश हमें देता है सब कुछ' का पाठ किया गया।
मुद्रा विशेषज्ञ सुश्री विलासिनी शर्मा जी ने ज्ञान मुद्रा, वज्र मुद्रा, अंजलि मुद्रा, ताड़ासन, वृक्षासन, हस्तोत्तानासन आदि योग क्रियाओं के बारे में विस्तार से सभी बच्चों को बताया। हार्टफुलनेस के बारे में श्री विकास शर्मा जी और अनिल कश्यप जी ने बताया कि जब हम अपने भीतर से आती हुई दिल की उन बातों को सुनना और प्रेरणाओं को समझना सीख जाते हैं तो हम बार-बार हृदय की बातों को सुनकर अपने जीवन के मालिक बन जाते हैं। 'हृदय पर ध्यान करते हुए मन के साथ हृदय के सुक्ष्म समन्वय की प्रक्रिया पूरी होती है' इसलिए हम इस प्रक्रिया को हार्टफुलनेस कहते हैं इसमें निम्न प्रक्रियाएं होती हैं:- रिलैक्सेशन यानी तनाव मुक्ति, ध्यान, सफाई और प्रार्थना।डॉक्टर श्रीमती मनप्रीत आनंद बठला जी के द्वारा बालिकाओं को युवा अवस्था में होने वाली वाले शारीरिक और व्यवहारिक परिवर्तनों के विषय में विस्तार से बताया गया।
इस्कॉन से दीक्षित वीणा वादिनी माताजी ने बताया कि भगवत गीता भगवान की भक्तवत्सलता है । आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरवों और पांडवों के मध्य होने वाले युद्ध में अपने मित्र तथा भक्त अर्जुन को भगवतगीता का उपदेश दिया था। इस कलयुग में सामान्य जनता कृष्ण की बहिरंगा शक्ति द्वारा मोहित है और उसे यह भ्रांति है कि भौतिक सुख-सुविधाओं की प्रगति से हर व्यक्ति सुखी बन सकेगा। उसे इसका ज्ञान नहीं है कि भौतिक या बहिरंगा प्रकृति अत्यंत प्रबल है, क्योंकि हर प्राणी प्रकृति के कठोर नियमों द्वारा बुरी तरह से जकड़ा हुआ है। सौभाग्य वश जीव भगवान का अंश-रूप है, अतएव उसका सहज कार्य है, भगवान की सेवा करना। कलयुग में महामंत्र 'हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे' का जप करके और संकीर्तन करके हम इस सांसारिक आवागमन से मुक्त हो सकते हैं।
शाखा अध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद कुमार गगनेजा जी ने तुलसी की पूजा क्यों करते हैं, सूर्य देवता को जल क्यो चढ़ाया जाता है, ग्रीष्म और वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियां और उनके रोकथाम के विषय में जानकारी दी।
आज के कार्यक्रम में मंच संचालन श्री दीपक सुधा जी के द्वारा किया गया।
आज के कार्यक्रम में सचिव प्रमोद बजाज जी, कोषाध्यक्ष श्री संजीव अनेजा जी, उपाध्यक्ष (सेवा) श्री गौरव मदान जी, भारत को जानो प्रकल्प संयोजक श्री द्रोण बाजपेई जी, राष्ट्रीय समूह गान प्रकल्प संयोजक श्री राकेश गगनेजा जी, श्री अमित नारंग जी, महिला संयोजिका श्रीमती ज्योति ग्रोवर जी, श्रीमती पूनम गगनेजा जी, श्रीमती मंजू गुंबर जी, श्रीमती किरण अनेजा जी, श्रीमती रिया छाबड़ा जी, श्रीमती मीनाक्षी कुकरेजा जी, श्रीमती दीया गुंबर जी, श्रीमती सपना आहूजा जी, श्रीमती रीना गाबा जी, सुश्री अंजलि अनेजा जी, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गदरपुर के प्रधानाचार्य, समस्त अध्यापक गण अध्यापिकायें एवं स्पोटिंग स्टाफ द्वारा भी अपनी अहम भूमिका निभाकर कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्तम सहयोग किया गया।

शाहनूर अली स्टेट ब्यूरो चीफ उत्तराखंड फ़ास्ट न्यूज़ इंडिया 151045804


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