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चंदन जुलूस के बाद त्र्यंबकेश्वर मंदिर में धूप अनुष्ठान की परंपरा नहीं
  • 151000003 - VAISHNAVI DWIVEDI 0



द्वादश ज्योतिर्लिंग में शुमार नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में गैर धर्म के लोंगो द्वारा प्रवेश की कोशिश का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। शिवसेना(यूबीटी) नेता संजय राउत के बयान के बाद अब भाजपा नेता और विधायक नितेश राणे ने दावा किया है कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर के प्रवेश द्वार पर चंदन जुलूस के बाद सदस्यों द्वारा धूप अनुष्ठान करने की परंपरा नहीं है। राणे ने मंदिर में भगवान शिव के दर्शन और 'महाआरती' के बाद यह बयान दिया। बता दें कि इस मामले में उनका यह बयान संजय राऊत के बयान पर प्रतिक्रिया के रूप में आया है। 13 मई को त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कथित रूप से गैर धर्म के लोगों के एक समूह ने जबरन घुसने की कोशिश की थी। जिसके बाद मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने बयान दिया था। उन्होंने गैर धर्म के लोगों का पक्ष लेते हुए कहा था कि त्र्यंबकेश्वर मंदिर में किसी ने जबरन प्रवेश नहीं किया था। मंदिर में कुछ भी गलत नहीं हुआ है, मैंने इसकी जानकारी ली है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रांगण में चंदन जुलूस में अपने भगवान को अगरबत्ती दिखाने की पुरानी प्रथा है। इसी परंपरा का पालन करते हुए जुलूस में शामिल लोग मंदिर के गेट पर अपने भगवान को अगरबत्ती दिखाकर आगे बढ़ गए थे। नीतीश राणे के ताजा बयान को संजय राउत पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि चंदन जुलूस के बाद भगवान त्र्यंबकेश्वर को धूप चढ़ाने की परंपरा नहीं है। मैंने मंदिर के ट्रस्टियों से बात की है। यहां तक कि विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों ने भी कहा है कि ऐसी कोई परंपरा नहीं है। 

उन्होंने कहा कि 13 मई की घटना के बाद हिंदुओं की छवि खराब की जा रही है। कुछ लोग गलतफहमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें किसी के मंदिर आने पर कोई आपत्ति नहीं है। कोई भी कतार में खड़े होकर देवता के दर्शन कर सकता है, लेकिन 13 मई को आए युवक हरे झंडे लेकर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। इससे पता चलता है कि उनकी मंशा अच्छी नहीं थी। बीते शनिवार को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म के लोगों के एक समूह ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। हालांकि मंदिर के सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी से वह सफल नहीं हो सके थे। बता दें कि मंदिर प्रबंधन समिति के निर्देश हैं कि मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी अन्य धर्म के लोग नहीं आ सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और करोड़ों लोगों की इस मंदिर में आस्था है। घटना के बाद मंदिर समिति ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंचे समूह के सदस्यों में स्थानीय लोग भी शामिल थे। प्रथम दृष्टया, उन्होंने मंदिर के अधिकारियों से कई दशकों की परंपरा के अनुसार प्रवेश द्वार पर "धूप" अनुष्ठान करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। अधिकारी ने कहा कि उनके अनुरोध को अस्वीकार किए जाने के बाद समूह वहां से लौट आया। गौरतलब है कि पिछले साल भी त्र्यंबकेश्वर मंदिर में ऐसी घटना हुई थी। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश के बाद एसआईटी ऐसी घटनाओं की जांच कर रही है। इस घटना के कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य की तलाश की जा रही है। इस बीच, मंगलवार को महाराष्ट्र के नांदेड़ में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की दो बेटियों का एक होर्डिंग लगाया गया है। इस होर्डिंग में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की दोनों बेटियों को ''भावी विधायक'' बताया गया है। पोस्टर में श्रीजया और सुजया चव्हाण के नाम के अलावा उनकी तस्वीरें भी हैं। गौरतलब है कि जब राहुल गांधी की अगुवाई में 'भारत जोड़ो यात्रा' ने पिछले नवंबर में नांदेड़ के रास्ते महाराष्ट्र में प्रवेश किया, तो श्रीजया को राहुल गांधी के साथ चलते देखा गया था


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