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चांद पर पहुंचने के लिए दो अरबपतियों में रेस
  • 151000002 - RASHMI TRIPATHI 0 0
    22 May 2023 16:48 PM



इंसान को फिर से चांद पर पहुंचाने की रेस शुरू हो चुकी है। नासा ने एलक मस्क की स्पेस एक्स के बाद अब अरबपति जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ऑरिजिन के साथ भी 3.4 बिलियन डॉलर यानी 28 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है।बेजोस की स्पेस एक्सपलोरेशन कंपनी ब्लू ऑरिजिन ने खुद ये कॉन्ट्रैक्ट मिलने की पुष्टि की है। कॉन्ट्रैक्ट 'आर्टेमिस v मिशन' के तहत दिया गया है। जो नासा का इंसान को फिर से चांद पर भेजने का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इससे अमेरिका की दो बड़ी कंपनियों के बीच कॉम्पिटिशन शुरू हो गया है। नासा ने 3.4 बिलियन डॉलर के बदले एक लूनर लैंडर की मांग की है। जो एक 50 फीट के स्पेस क्राफ्ट का हिस्सा होगा। जिसे ब्लू मून कहा गया है। मिशन को 2029 में लॉन्च किया जाएगा। इसके जरिए 4 एस्ट्रोनॉट्स को चांद के सरफेस पर उतारा जाएगा। इसके जरिए नासा चांद के साउथ पोल को एक्सपलोर करना चाहता है। नासा के अधिकारी ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा कॉम्पिटिशन चाहते हैं ताकि हमारा एक प्रोग्राम फेल हो तो हमारे उसका बैकअप तैयार रहे। नासा के मून मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा गया था। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का मकसद चांद पर एस्ट्रोनॉट्स के लिए सही हालात सुनिश्चित करना है। मिशन के तहत नासा के एसएलएस मेगा रॉकेट के जरिए ओरियन क्रू कैप्सूल चंद्रमा के बेहद करीब पहुंचेगा, लेकिन लैंड नहीं करेगा।

आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली है। मिशन 25 दिन 11 घंटे और 36 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा। मिशन के तहत ओरियन कैप्सील 4 एस्ट्रोनॉट्स को पृथ्वी से इतनी दूर ले जाएगा जहां आज तक इंसान नहीं गए हैं। ये 10 दिन का मिशन होगा। जो चांद के पास से गुजरेगा और पृथ्वी पर लौटेगा। इस मिशन के तहत स्पेस क्राफ्ट की क्षमता को जांचा जाएगा। तीसरे आर्टेमिस मिशन के तहत दो एस्ट्रोनॉट्स को चांद तक ले जाया जाएगा। इसमें एक महिला होगी। ये मिशन ऐतिहासिक होगा। इसकी वजह ये है कि इस मिशन के जरिए दुनिया की पहली महिला चांद पर पहला कदम रखेगी। चांद के साउथ पोल पर एस्ट्रोनॉट्स एक हफ्ते तक रहेंगे। मिशन के जरिए नासा दूसरी बार इंसान को चांद पर ले जाएगा। इस बार एस्ट्रोनॉट्स का चांद पर स्टे ज्यादा दिनों के लिए होगा। इस मिशन में पहला अश्वेत एस्ट्रोनॉट शामिल होगा।



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