कोविड में माता और पिता खोने वाले शिवांग को अब सरकारी लापरवाही ने तोड़ दिया है। उसके सामने इलाज का संकट खड़ा हो गया है। वह अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि उसका आयुष्मान कार्ड ही सक्रिय नहीं है। हालांकि, मामा ने अस्पताल में भर्ती कराया है। शिवांग त्रिपाठी के माता-पिता दोनों की कोविड संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। अब वह अपने मामा के साथ रहता है। पिछले दो-तीन दिनों से उसे बुखार था। डॉक्टर से दवा लेने के बाद भी तबीयत ठीक नहीं हो रही थी। जांच में पता चला कि ब्लड में इंफेक्शन है। इसके बाद शिवांग को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पता चला कि उसका आयुष्मान कार्ड सक्रिय नहीं है। शिवांग के मामा ने भी अलग-अलग स्थानों पर सर्च कराया और वेबसाइट पर हर बार नाट रिजल्ट फाउंड का ही जवाब मिलता। शिवांग के मामा ध्रुव शंकर तिवारी का कहना है कि उन्होंने जिला प्रोबेशन कार्यालय में संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एक कर्मचारी ने तो यहां तक कहा कि आपको पहले बताना चाहिए था। हालांकि, मामा ने शिवांग को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। अब तबीयत में सुधार बताया जा रहा है।
कोविड में माता-पिता दोनों को खोने वाले 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रधानमंत्री केयर एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई। जिले में 13 बच्चों ने मां-पिता दोनों खो दिया था। हालांकि, इनमें से एक बच्चे का भी निधन हो चुका है। इस तरह से अब 12 बच्चे हैं। एक साल पहले कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में इन बच्चों को दोनों योजनाओं के तहत 10 लाख रुपये का चेक एवं आयुष्मान कार्ड दिया गया था। बच्चों की देखभाल के लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय की ओर से एक टीम भी बनाई गई है। लेकिन साल भर से किसी ने भी शिवांग से संपर्क नहीं किया। आयुष्मान कार्ड सक्रिय न होने की खबर आला अधिकारियों तक पहुंचने के बाद देर रात कार्ड को सक्रिय किया गया। प्रशासन के अधिकारियों ने इसकी जानकारी शिवांग के परिजनों को दे दी है। शिवांग के मामा से आयुष्मान कार्ड की कॉपी मंगा ली गई है। कार्ड केंद्र सरकार से ही जारी हुआ है। रात तक इसे सक्रिय कर दिया गया है। अन्य बच्चों के कार्ड भी मंगाए जा रहे हैं। उन्हें भी सीएमओ ऑफिस भेजकर सक्रिय कराया जाएगा।