हिमाचल प्रदेश के एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला में आईपीएल मैच देखने के दौरान पर्यटन नगरी में हजारों की संख्या में क्रिकेट प्रेमी पहुंचे। इससे धर्मशाला के होटल पूरी तरह से पैक हो गए और पर्यटकों को मैक्लोडगंज और भागसूनाग का रुख करना पड़ा। इससे मैक्लोडगंज और भागसूनाग में भी होटल लगभग पैक ही रहे। इससे होटल कारोबारियों को संजीवनी मिली है। मैच के दौरान धर्मशाला में होटल पैक होने के बाद बाहरी राज्यों से आए क्रिकेट प्रेमी स्थानीय लोगों से होटलों के बारे में जानकारी लेते देखे गए। अंत में बाहरी राज्यों के पर्यटकों को मैक्लोडगंज और भागसूनाग का रुख करना पड़ा आईपीएल मैच होटल कारोबारियों के लिए संजीवनी बनकर आया है। धर्मशाला के होटल पैक थे। इसके बाद क्रिकेट प्रेमी मैक्लोडगंज और भागसूनाग का रुख करने लगे। देरशाम तक मैक्लोडगंज भी पैक हो गया था।
10 साल बाद धर्मशाला में हो रहे आईपीएल मैचों को लेकर जहां क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह रहा। वहीं, बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों को लूटने के लिए पर्यटन नगरी के होटल कारोबारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। पर्यटकों के अनुसार होटल कारोबारियों की ओर से पहले ही पर्यटकों को आगाह कर दिया गया था कि मैच के दिन 1000 हजार रुपये का कमरा तीन गुणा अधिक दामों पर दिया जाएगा। इस लूट को लेकर बाहरी राज्यों के पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, हैरानी की बात तो यह है कि इस मनमानी पर प्रशासन की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आईपीएल मैच को लेकर धर्मशाला में आए हैं लेकिन यहां आकर गेस्ट हाउस के 500 रुपये के कमरे के भी 2,000 रुपये चुकाने पड़े। इससे खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिवार के साथ मैच देखने के अलावा मैक्लोडगंज घूमने की योजना थी लेकिन होटल के दाम सुनते ही दंग रह गए। इसके चलते कई किलोमीटर दूर जाकर चामुंडा के एक निजी होटल में कमरा लेना पड़ा। मैच होने से एक दिन पहले धर्मशाला का रूख किया था। इस दौरान होटल कारोबारी ने कहा कि मैच के दिन 1,000 रुपये के कमरे के 3,500 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, अन्य होटल बुक थे। ऐसे में 3,500 रुपए चुकाकर कमरा लेना पड़ा।
हम दोस्तों के साथ पहले से रुके हैं, पहले टिकट को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ा। होटल कारोबारियों ने एकदम रेट बढ़ने के ऐलान कर दिए। जो पर्यटकों के लिए परेशानी का कारण बना। स्थानीय होटल एसोसिएशन को इन ओवरचार्ज करने वाले होटल कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ऑफ सीजन के दौरान होटल कारोबारियों के ओर से डिस्काउंट पर भी कमरे प्रदान किए जाते हैं। यह समय पर्यटन सीजन का है। इस समय होटल के कमरों के पूरे पैसे वसूले जाते हैं। पर्यटकों से ही पर्यटन नगरी के होटल का कारोबार है। होटल कारोबारियों की ओर से कोई भी ओवरचार्जिंग नहीं हो रही है
