मुंबई में फिल्म द केरला स्टोरी की पूरी टीम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिल्म के प्रोड्यूसर विपुल शाह 26 लड़कियों को मीडिया के सामने लाए, जो केरल से आईं हैं और कन्वर्जन से पीड़ित रही हैं। विपुल ने इस दौरान कहा- हम पर आरोप लगाया गया कि ये प्रोपेगेंडा था लेकिन ऑडियंस ने जवाब दे दिया। हमें लगता है कि फिल्म बनाने के अलावा हमारा और भी काम हैं। जो लड़कियों इस मामले में विक्टिम रही हैं, हम उनमें से 26 लड़कियों से मिलवा रहे हैं। ये कहानी सिर्फ केरल की नहीं पूरे भारत की है। हमारी जिम्मेदारी है कि सिर्फ फिल्म न देखें बल्कि इनकी आवाज भी बनें। विपुल ने कहा कि फिल्म में 3 लड़कियों के जरिए हजारों लड़कियों की कहानी बाहर आई है। ये गंदी साजिश है, जो नहीं होना चाहिए। हम नए आंकड़ों के साथ आए हैं। एक विक्टिम अनघा जयगोपाल ने कहा, '2 साल पहले मेरा कर्वजन हुआ था। शालिनी (फिल्म में अदा शर्मा ने जिसका किरदार निभाया) जैसी मेरी भी हालत थी। हॉस्टल में फिल्म में दिखाई गई आसिफा जैसी कई लड़कियां थीं, जो नॉर्मल बातचीत में धर्म का एंगल आती थीं। वे हमें बातों में कन्फ्यूज कर देती थीं। धर्म की जानकारी न होने की वजह से मैं अपना पक्ष नहीं रख पाती थी।
ये लड़कियां कहती थीं कि भगवान सिर्फ एक यानी अल्लाह है। वे मुझे कुरान का हिंदी वर्जन देते हैं, इसे पढ़कर मैं उनके बहकावे में आ गई। मैं एंटी हिंदू बन गई। फैमिली को छोड़ दिया और पूरी तरह इस्लाम अपना लिया। घर पर पूजा होती थी, और मैं छत पर नमाज पढ़ती थी। मैंने अपनी कजिन की बेटी पर गुस्सा निकाल दिया था, क्योंकि वो मुझे नमाज पढ़ने नहीं दे रही थी। जिन लोगों ने मुझे जन्म दिया, उन लोगों को मैं काफिर कहने लगी थी। वे मेरे पैर पर गिरकर मुझसे विनती करते थे कि मैं ऐसा न करूं, लेकिन मैं उनसे यही कहती कि अगर तुम लोगों ने भी इस्लाम नहीं माना तो नर्क में जाओगे। ये फिल्म मुझे अपनी कहानी लग रही है। इसे देखने के बाद मुझे सिर्फ रोना आ रहा था पीड़ित लड़कियों में से एक चित्रा ने कहा, 'इनमें सिर्फ लड़कियां नहीं बल्कि लड़के भी थे। जिन लोगों का कन्वर्जन हुआ, उन्होंने अपनी फैमिली को पूरी तरह छोड़ दिया। जब परिवार वालों ने उनके अंदर बदलाव देखा, तब वे उन्हें लेकर आश्रम आए। इन लोगों का रिकॉर्ड इसलिए भी नहीं है कि क्योंकि ऐसे सिचुएशन से निकलकर कोई भी इसके संबंध में बात करना नहीं चाहता है। वे अपनी पहचान छिपा के रखना चाहते हैं।'
24 सालों में 7 हजार लोगों ने अपने धर्म में वापसी की एक विक्टिम श्रुति ने कहा- आर्ष विद्या समाज के तहत उन लड़कियों की मदद की जाती है, जिनका कन्वर्जन हुआ है। 1999 से लेकर 2023 तक तकरीबन 7 हजार लोगों की घर वापसी कराई गई है। इन लोगों लोगों ने इस्लाम अपना लिया था। मदद के लिए केरल से बाहर के लोगों के भी कॉल आते हैं, इन सभी का फोर्सफुल कन्वर्जन करा दिया गया है। आर्ष विद्या आश्रम में 300 कन्वर्टेड लड़कियों को सुविधा दी जाएगी।' विपुल शाह ने इस आश्रम को 51 लाख रुपए दान किए थे।विपुल ने कहा कि इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य था कि लड़कियों को कैसे भी करके बचा लिया जाए। आसिफा का रोल निभाना वाली एक्ट्रेस सोनिया बलानी ने कहा, 'फिल्म के कलेक्शन से हमें मतलब नहीं है। ये मेरी पहली हिंदी फिल्म थी। ऐसे मौके कम ही मिलते हैं जब आपको ऐसी फिल्मों में काम करने का मौका मिलता है। कल मैंने अपनी नानी के साथ ये फिल्म देखी। फिल्म देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि ये धर्म वाली बात सही है। धर्म के बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए। एक मुस्लिम ने कहा कि फिल्म में इस्लाम को गलत नहीं दिखाया गया है कि बल्कि कैसे उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, ये दिखाया गया। कन्वर्जन तो कई धर्म में होता है लेकिन उनका मकसद ISIS में भेजना नहीं होता फिल्म के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा- इस फिल्म का उद्देश्य किसी रिलीजन को ठेस पहुंचाना नहीं है। हर डायलाॅग और सीन रियलिटी पर बेस्ड है। भारत के अलावा कई देशों में ये साजिश होती है। आतंकवाद इस्लाम धर्म को बदनाम करता है। इस फिल्म के जरिए हमने बताया है कि इस्लाम के नाम का कैसे मिसयूज किया जा रहा है।
किसी भी फिल्म का जो विलेन होता है, वो किसी न किसी धर्म का होता है। तो लोग उसकी बुराई की बात करते हैं न कि उसका मजहब देखते हैं। गब्बर सिंह हिंदू था तो क्या रमेश सिप्पी साहब हिंदू समाज के खिलाफ थे। सुदीप्तो ने कहा, 'फिल्म की रिलीज के बाद एक प्रूफ सामने आया है कि ISIS ने साजिश के तहत इन लड़कियों को प्रेग्नेंट किया है। अगर इन लड़कियों ने अपनी सच्चाई बतानी शुरू की तो रात बीत जाएगी, लेकिन इनकी कहानी खत्म नहीं होगी। इनकी बातें सुनकर आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे। सुदीप्तो ने आगे कहा- केरल के अंदर दो केरल हैं। एक केरल जो खूबसूरती से भरा है, और दूसरा नार्दन केरल जहां टेरर नेटवर्क का हब है।