यूपी अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय का नौवां दीक्षांत समारोह मंगलवार को मुख्य सभागार में संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी की महासचिव डा. श्रीमती पंकज मित्तल रही। वहीं मंविवि के कुलाधिपति, प्रख्यात पत्रकार, शिक्षाविद अच्युतानंद मिश्र, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, मंविवि के चेयरमैन हेमंत गोयल और गुरूजी ऋषि राज महाराज भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के सामने दीप जलाकर किया गया। इसके बाद छात्राओं ने कुल गीत की प्रस्तुति दी। कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में 1405 विद्यार्थियों को डिग्रीयां, नौ को स्वर्ण व 10 को रजत पदक प्रदान किए गए। मुख्य अतिथि भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव श्रीमती पंकज मित्तल ने सभी पदक प्राप्त करने वाले और डिग्री धारकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज जॉब चाहिए तो कुछ खास करने की आवश्यकता है।
प्रश्न का उत्तर याद करने व लिखने का समय चला गया। एनईपी 2020 के बाद शिक्षण पद्धति में काफी परिवर्तन आएगा। शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोई उम्र नहीं होती। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडित सिस्टेम से अब आपको पढ़ने के लिए विद्यालय जाने की जरूरत नहीं है। आपको सिर्फ एक कंप्यूटर व इंटरनेट की आवश्यकता है। आप कहीं भी बैठकर ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं। भविष्य में भारतीय विश्वविद्यालय में डिग्री के लिए नहीं कोर्स के लिए दाखिले लेंगे। कोर्स में अर्जित किए गए क्रेडिट के आधार पर आपको डिग्री मिलेगी। अब आधुनिक शिक्षा का उद्देश्य डिग्री के साथ ज्ञान भी अर्जित करना होगा। कई देशों में विद्यार्थी घर पर पढ़कर आते हैं और कक्षा में चर्चा करते हैं। यह यहां भी लागू होना चाहिए। उन्होंने समय के साथ शिक्षण पद्धति में भी बदलाव लाने की सलाह दी। उन्होंने अंत में शेर सुनाते हुए कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे में ढल गए, कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे बदल गए के साथ अपना वक्तव्य समाप्त किया। गौरव रावत डिस्टिक इंचार्ज अलीगढ 151045547

