यूपी के प्रयागराज। जहां कोरांव यूको बैंक कोरांव के शाखा प्रबंधक के द्वारा उपभोक्ता को बिना कारण बताए ही, मनमानी ढंग से शाखा प्रबंधक द्वारा खाता धारक के खाते को फ्रिज कर दिया जा रहा। उपभोक्ता बुद्धिराज मिश्रा नाम के व्यापारी के खाते को अकस्मात फ्रिज कर दिया गया, बिना कोई जानकारी दिए जब उपभोक्ता आरटीजीएस करने पहुंचा, तो पहले उसे दो घंटे तक दौड़ाया गया और फिर उपभोक्ता के खाता फ्रिज होने की बात बैंक के कर्मचारियों द्वारा बताया गया। जब उपभोक्ता ने अधिकारियों से पूछा की मेरा खाता क्यू फ्रीज किया गया, तो अधिकारियों के पास कोई जवाब नही था और वो बचते नजर आए। उपभोक्ता के किसी भी सवाल का जवाब बैंक के अधिकारी व कर्मचारी नहीं दे पाए, जब उपभोक्ता ने कहा हमारी शाखा प्रबंधक से बात कराइए, तो बैंक के कर्मचारियों ने शाखा प्रबंधक के ऑफिस में जाकर गुपचुप तरीके से बात कर वापस लौटे और उपभोक्ता को एफआईआर की धमकी देने लगे। उपभोक्ता ने बताया कि हम लगातार शाखा प्रबंधक को फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, पर हमारा फोन शाखा प्रबंधक द्वारा बार-बार काट दिया जाता था और सिर्फ बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों का ही फोन उठा रहे थे। यूको बैंक में मेरा खाता है उसमें मेरे पैसे हैं और मेरा पैसा होते हुए भी मैं अपना काम नहीं कर पा रहा हूं मैं अपने व्यापार को नहीं कर पा रहा हूं। मुझे परेशान किया जा रहा है और जब मैं कुर्सी पर बैठे हुए अधिकारियों से कहा कि मुझे लिखकर दे दो, किस कारण से मेरे खाते को फ्रीज किया गया, तो उस पर अधिकारी कुछ बोल ही नहीं रहे। जैसे बैंक के कर्मचारी किसी के इशारे पर काम कर रहे हो मेरा काम नहीं किया गया। ऐसे में कई सवाल उठते हैं की अधिकारि ग्राहक को संतुष्ट क्यूं नहीं कर पाए आखिर क्यों 2 से 3 घंटे तक उपभोक्ता को अपने ही पैसे के लिए भटकना पड़ा और उसका काम भी नहीं हुआ, बैंक के कर्मचारियों ने पहले खाता फ्रिज होने की जानकारी उपभोक्ता को क्यों नहीं दीया। इस दौरान उपभोक्ता ने 1076 पर अपनी समस्या को बताया और कंप्लेंट दर्ज कराई और उपभोक्ता द्वारा मेल के माध्यम से भी कंप्लेंट दर्ज कराया गया। अब देखने वाली बात यह है की उपभोक्ता के इस समस्या को लेकर क्या कुछ कार्यवाही की जाती है। देखें प्रयागराज से डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज मनोज कुमार शर्मा की रिपोर्ट
