फिरोजपुर। सीमावर्ती गांव हबीबवाला में एक्साइज विभाग की टीम के साथ अवैध शराब के ठिकानों पर छापेमारी करने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों और पुलिस में खींचतान भी हुई और महिलाओं ने पुलिस के हथियार छीनने की भी कोशिश की। पता चला है कि मंगलवार को आबकारी विभाग की टीम गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस पार्टी के साथ छापेमारी करने गई थी, लेकिन जिस घर पर दबिश देनी थी, उन्होंने पुलिस को देखकर पहले ही घर अंदर से बंद कर लिया।
तेजधार हथियारों से पुलिस की गाड़ी पर भी हमला
पुलिस करीब आधा घंटा तक शराब तस्करों के घर के बाहर खड़े होकर इंतजार करती रही और इस दौरान शराब तस्करों और लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इस दौरान पुलिस की गाड़ी पर भी तेजधार हथियारों से वार किए और पुलिस व आबकारी टीम पर ईंटे, पत्थर, डंडे बरसाए। जिसके बाद पुलिस वहां से खुद को सुरक्षित निकालने में सफल साबित हुई।
एक्साइज इंस्पेक्टर इंद्रपाल सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर अवैध शराब के अड्डे पर पुलिस के साथ छापेमारी करने गए थे। वहां लोगों ने उन पर ईंटे, पत्थर, डंडे बरसाने शुरू कर दिए और तेजधार हथियारों से उनकी गाड़ी पर भी हमला किया। इस दौरान पुलिस की वर्दी फटी है, लेकिन पुलिस कर्मचारी ज्यादा होने के कारण सभी वहां से भाग निकलने में सफल हुए।
तस्करों ने बहाई शराब
आबकारी टीम के साथ रेड करने गए एएसआई मलूक सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एक घर में छापेमारी करने गए थे। आरोपितों ने घर का दरवाजा बंद कर लिया और कहा कि जब तक सरपंच नहीं आएगा वह दरवाजा नहीं खोलेंगे और उन्होंने आधा घंटा तक पुलिस और आबकारी टीम को बाहर खड़े रखा। इस दौरान काफी हद तक तस्करों ने ही बहा दी थी। जब दरवाजा खोला तो लोगो ने उन पर हमला कर दिया। थाना सदर प्रभारी रवि यादव ने बताया कि आबकारी टीम और पुलिस पर हमला होने की सूचना मिली है। पुलिस द्वारा आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
शराब उगल रही सतलुज
भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा का कार्य करने वाली सतलुज इन दिनों शराब उगल रही है। हालात इस कद्र बदतर हो चुके है कि सीमावर्ती गांवों में माफिया द्वारा सतलुज के किनारे शराब की भट्टियां लगाकर कच्ची शराब निकाली जा रही है। आबकारी विभाग द्वारा माफिया पर जब छापेमारी की जाती है तो उससे पहले ही शराब माफिया के लोग वहां से रफ्फू चक्कर हो जाते है। विभाग द्वारा मात्र टयूब, बर्तन जब्त कर वाहवाही बटोर ली जाती है और कच्ची शराब को सतलुज में बहा दिया जाता है।
विभाग द्वारा खानापूर्ति के नाम पर आएं दिन 72 हजार, 65 हजार लीटर शराब पकड़ने के लंबे-चौड़े दावे किए जाते है, लेकिन इस दौरान किसी भी माफिया को ना तो गिरफ्तार किया जाता है और ना ही किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाती है। विभाग की इस तरह ढीली कार्यप्रणाली के चलते माफिया के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे है।
क्या कहते हैं आकड़े
माफिया द्वारा गांवों में बोतलों पर कैन में भरकर अवैध शराब को बेचकर खूब चांदी लूटी जा रही है। आंकड़ों की बात करे तो वर्ष 2020 में अवैध शराब के पुलिस द्वारा करीब 405 मामले दर्ज करने के साथ करीब 501 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। उस वक्त पुलिस ने अवैध शराब की 23 चालू भट्टी, 6 लाख 44 हजार लीटर लाहन, 20654 लीटर अवैध शराब सहित 13540 लीटर ठेका व देसी शराब बरामद की थी।
2021 में पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत 202 मामले दर्ज करके 4016 लीटर 473 मिली लीटर अवैध शराब, 511795 किलो लाहन और 111 लीटर 920 मिली लीटर अन्य शराब व 13 चालू भट्टिया बरामद की थी। इसी तरह 2022 में पुलिस ने अवैध शराब के 411 मामले दर्ज किए है, जिसमें 8568 लीटर 364 मिलीलीटर अवैध शराब पकड़ने के अलावा 879918 किलो लाहन और 6988 लीटर 425 मिली लीटर अन्य शराब सहित 17 चालू भट्टिया बरामद की है।
शराब के धंधे में महिलाएं और बच्चे भी शामिल
कुछ गांवों में तो महिलाओं से लेकर बच्चे तक शराब के धंधे में लिप्त है और सतलुज के किनारे पर खड़े होकर ग्राहकों को शराब बेचते है। वही कुछ एरिया में सतलुज के भीतर ही शराब का खेल जोरों पर चल रहा है। जब भी पुलिस द्वारा इन्हें पकड़ने की कोशिश की जाती है तो माफिया द्वारा सतलुज में छलांग लगाकर पुलिस से बच जाते है और पुलिस खाली बर्तन व ट्यूब जब्त कर गोंगलूओं से मिट्टी झाड़ कर आ जाती है।
