वाराणसी। जिला कारागार में दिव्यांग कैदियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसकी रुपरेखा तैयार की जा रही है। इसी क्रम में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सलाहकार व दिव्यांगबंधु डा. उत्तम ओझा, बाल रोग विशेषज्ञ डा. संजय चौरसिया और वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डा. मनोज तिवारी का प्रतिनिधिमंडल जिला कारागार में दिव्यांग कैदियों से मिला। उनसे बात कर उनकी समस्याएं सुनीं।
उनकी दिव्यांग प्रमाण पत्र, पेंशन, यूडीआईडी कार्ड आदि के बारे में जानकारी ली। समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिलाया।
दिव्यांग बंधु डा. उत्तम ओझा ने कहा कि मानवीय आधार पर दिव्यांगजनों को भी सरकार से प्रदत सुविधाएं मिलनी चाहिए। सरकार से अनुशंसा की जाएगी कि दिव्यांगजनों को जेलों में भी बाधारहित वातावरण, आवश्यक सहायक उपकरण, उनके अनुकूल शौचालय एवं स्नानघर घर उपलब्ध कराया जाए।
यदि जेल में ऐसा कोई दिव्यांग कैदी होगा, जिसकी रिहाई पैसे की कमी के कारण नहीं हो पा रही है तो उसका भी इंतजाम किया जाएगा।
डा. संजय चौरसिया ने बताया कि कारागार में कैदियों को सहायक उपकरण, दिव्यांगता प्रमाण- पत्र, यूडीआईडी कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा तथा उन्हें चिकित्सा सहित हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
डा. मनोज तिवारी ने कहा कि कारागार में दिव्यांगजनों को तनाव प्रबंधन हेतु विशेष रूप से काउंसलिंग सेवाओं की आवश्यकता होती है। इसे समय-समय पर प्रदान किए जाने की कोशिश की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने जेल की स्वच्छता, बागवानी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की यादगार में बनाए गए स्तंभ की प्रशंसा की। जेल अधीक्षक एके सक्सेना, जेल के चीफ फार्मासिस्ट आनंद मोहन मिश्रा आदि ने सहयोग किया।
