BALLIA 10 साल के बालक की हत्या कर शव बोरी में भरकर फेंका, इकलौते बेटे की मौत की खबर सुन बेहोश हुई मां VARANASI स्विस इंजीनियरों की देखरेख में खड़े हो रहे टावर VARANASI बहन की शादी में हर्ष फायरिंग के लिए खरीदी पिस्टल, दोस्त को ही मारी गोली; वाराणसी में हुआ था भीषण विवाद CHANDAULI युवक की हत्या के बाद ग्रामीणों ने किया पुलिस चौकी का घेराव, अधिकारियों के समझाने पर माने लोग VARANASI काशी तमिल संगम 4.0: गंगा आरती कर अभिभूत हुए तमिल मेहमान, केदार घाट पर स्वच्छता में बंटाया हाथ CHANDAULI बालू लदा डंपर सड़क किनारे गड्ढे में पलटा, चालक और खलासी ने कूदकर बचाई जान SONBHARDA बच्चों के सामने पत्नी की हत्या, थाने पहुंचकर पति बोला- लाश घर में पड़ी है; छह साल पहले भी की थी कोशिश MAU बालू, नमक और पोटाश से बन रही नकली डीएपी फैक्ट्री का भंडाफोड़, 100 बोरी के साथ चार गिरफ्तार VARANASI आईआईटी बीएचयू: प्लेसमेंट के पहले ही दिन 1.67 करोड़ रुपये का पैकेज, 55 कंपनियों ने दिए 209 ऑफर
EPaper LogIn
BALLIA - 10 साल के बालक की हत्या कर शव बोरी में भरकर फेंका, इकलौते बेटे की मौत की खबर सुन बेहोश हुई मां     VARANASI - स्विस इंजीनियरों की देखरेख में खड़े हो रहे टावर     VARANASI - बहन की शादी में हर्ष फायरिंग के लिए खरीदी पिस्टल, दोस्त को ही मारी गोली; वाराणसी में हुआ था भीषण विवाद     CHANDAULI - युवक की हत्या के बाद ग्रामीणों ने किया पुलिस चौकी का घेराव, अधिकारियों के समझाने पर माने लोग     VARANASI - काशी तमिल संगम 4.0: गंगा आरती कर अभिभूत हुए तमिल मेहमान, केदार घाट पर स्वच्छता में बंटाया हाथ     CHANDAULI - बालू लदा डंपर सड़क किनारे गड्ढे में पलटा, चालक और खलासी ने कूदकर बचाई जान     SONBHARDA - बच्चों के सामने पत्नी की हत्या, थाने पहुंचकर पति बोला- लाश घर में पड़ी है; छह साल पहले भी की थी कोशिश     MAU - बालू, नमक और पोटाश से बन रही नकली डीएपी फैक्ट्री का भंडाफोड़, 100 बोरी के साथ चार गिरफ्तार     VARANASI - आईआईटी बीएचयू: प्लेसमेंट के पहले ही दिन 1.67 करोड़ रुपये का पैकेज, 55 कंपनियों ने दिए 209 ऑफर    
एक बार क्लिक कर पोर्टल को Subscribe करें खबर पढ़े या अपलोड करें हर खबर पर इनकम पाये।

क्या डोनाल्ड ट्रंप ले डूबे अमेरिकी बैंक, जानें पूर्व राष्ट्रपति की क्यों हो रही है आलोचना
  • 151118605 - DIKSHA PANDEY 0 0
    17 Mar 2023 13:14 PM



नई दिल्ली । पिछले हफ्ते सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद अमेरिका में बैंकों के धराशायी होने का एक सिलसिला शुरू हो गया। अमरिका के राजनीतिक हलकों में इस इस आर्थिक संकट के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया जाने लगा है।  वरमोंट के सेन बर्नी सैंडर्स ने तर्क दिया कि अमेरिकी बैंकों पर आए इस संकट का सबसे बड़ा कारण पूर्व  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से  हस्ताक्षरित 2018 एक "बेतुका" कानून है। ट्रंप ने उस दौरान एसवीबी के आकार के बैंकों से संबंधित नियामकीय नियमों में ढ़ील दे दी थी। हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एसवीबी के पतन के लिए 2018 के रोलबैक (कानून वापस लेने) को सैंडर्स की तरह सीधे तौर पर तो दोषी नहीं ठहराया, लेकिन बैंकिंग प्रणाली पर अपनी सोमवार की टिप्पणियों में उन्होंने ट्रम्प शासन काल में लागू किए गए कानून की आलोचना की। इस बीच, ट्रम्प ने भी पलटवार किया है उन्होंने  एसवीबी गड़बड़ी में अपनी किसी भी भूमिका को खारिज कर दिया है। उनके प्रवक्ता ने डेमोक्रेट्स पर अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए जनता को धोखा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। आइए जानते हैं 2018 में ट्रंप शासनकाल में बैंकों से जुड़े कानूनों में जो बदलाव हुए उससे एसवीबी और सिग्नेचर जैसे बैंक कैसे प्रभावित हुए? ट्रंप काल के कानून ने सिलिकॉन वैली जैसे बैंको को कैसे खस्ताहाल किया? 

 

डोड-फ्रैंक एक्ट क्या है, 2018 में ट्रंप ने कानून में क्या बदलाव किया?=वर्ष 2007-08 की मंदी के दौरान बैकों को डूबने से बचाने के लिए कई कड़े नियम बनाए गए थे। 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक कानून पर हस्ताक्षरण किया था, इसे व्यापक रूप से डोड-फ्रैंक के नाम से जाना जाता है। इस नियम के तहत ने कम से कम 50 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले बैंकों के लिए सख्त नियम बनाए थे। इन बैंकों, जिन्हें वित्तीय प्रणाली के लिए "व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण" माना जाता था को वार्षिक फेडरल रिजर्व के "तनाव परीक्षण (Stress Test)" से गुजरना आवश्यक था। ऐसा बैंक की पूंजी के कुछ स्तरों को बनाए रखने के लिए (नुकसान को झेलने में सक्षम होने के लिए) और तरलता (नकदी दायित्वों को जल्दी से पूरा करने में सक्षम होने के लिए), और यदि वे विफल हो जाते हैं तो उनके त्वरित और व्यवस्थित विघटन के लिए भविष्य की योजना बनाने की मकसद से किया गया था।  ये नीतियां वित्तीय प्रणाली को ढहने से रोकने के लिए बनाए गए थे। 2018 में ट्रंप सरकार ने 250 बिलियन डॉलर से कम की संपत्ति वाले बैंकों को इन नीतियों से मुक्त कर दिया था। ऐसे बैंकों में एसवीबी भी शामिल था।  

कानून में बदलाव के पीछे क्या तर्क दिया गया? =2018 में ट्रंप सरकार ने इस कानून में बदलाव कर बैंकों को 50 बिलियन डॉलर की सीमा से मुक्त कर दिया गया। उस दौरान कई बैंकों ने तर्क दिया था कि यह अनावश्यक रूप से उन पर बोझ डाल रहा था। कानून में बदलाव के बाद केवल वे बैंक नियामकीय दायरे में बचे थे जिनकी संपत्ति कम से कम 250 बिलियन डॉलर थी, ऐसे बैंकों की संख्या उस समय केवल एक दर्जन थी। रोलबैक कानून ने फेडरल रिजर्व को कम से कम 100 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाले विशेष बैंकों पर नियमों को लागू करने का विकल्प चुनने का अधिकार दिया और यह कहा कि जो बैंक 100 बिलियन डॉलर की संपत्ति के दायरे में आते हैं, उन्हें अब भी "आवधिक" फेड तनाव परीक्षणों से गुजरना पड़ेगा। कानून में बदलाव का 50 बिलियन डॉलर से अधिक और 250 बिलियन डॉलर से कम संपत्ति वाले बैंकों को बड़ा फायदा हुआ और वे कड़े नियामकीय दायरे से बाहर हो गए। उस वक्त ट्रंप सरकार के रोलबैक को ऐसे बैंकों के लिए जीत के तौर पर देखा गया। ऐसे बैंकों की सूची में एसवीबी भी शामिल था, जिसके सीईओ ग्रेग बैकर ने कांग्रेस से 50 बिलियन डॉलर के दायरे को बढ़ाने की मांग मांग की थी।  

रोलबैक के समय एसवीबी ने कहा था उस पर कोई खतरा नहीं =बेकर ने 2015 में कांग्रेस के सामने तर्क दिया था कि जब कोई बैंक 50 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच जाता है तो नियमों को लागू करने से एसवीबी जैसे बैंकों पर "अनावश्यक रूप से" बोझ पड़ेगा, जिसके पास तब 40 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी।  उनका तर्क था कि बैंक को नियमों का पालन करने में अधिक समय और पैसा खर्च करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी तर्क दिया था कि एसवीबी अन्य "मध्यम आकार" बैंकों की तरह "प्रणालीगत जोखिम" से बाहर है। उस दौरान उन्होंने तर्क दिया था "हमारी गतिविधियों और व्यवसाय मॉडल के कम जोखिम प्रोफ़ाइल को देखते हुए डोड-फ्रैंक जैसे नियम हमारे ग्राहकों को क्रेडिट प्रदान करने की हमारी क्षमता को रोक देगा।"



Subscriber

188251

No. of Visitors

FastMail

BALLIA - 10 साल के बालक की हत्या कर शव बोरी में भरकर फेंका, इकलौते बेटे की मौत की खबर सुन बेहोश हुई मां     VARANASI - स्विस इंजीनियरों की देखरेख में खड़े हो रहे टावर     VARANASI - बहन की शादी में हर्ष फायरिंग के लिए खरीदी पिस्टल, दोस्त को ही मारी गोली; वाराणसी में हुआ था भीषण विवाद     CHANDAULI - युवक की हत्या के बाद ग्रामीणों ने किया पुलिस चौकी का घेराव, अधिकारियों के समझाने पर माने लोग     VARANASI - काशी तमिल संगम 4.0: गंगा आरती कर अभिभूत हुए तमिल मेहमान, केदार घाट पर स्वच्छता में बंटाया हाथ     CHANDAULI - बालू लदा डंपर सड़क किनारे गड्ढे में पलटा, चालक और खलासी ने कूदकर बचाई जान     SONBHARDA - बच्चों के सामने पत्नी की हत्या, थाने पहुंचकर पति बोला- लाश घर में पड़ी है; छह साल पहले भी की थी कोशिश     MAU - बालू, नमक और पोटाश से बन रही नकली डीएपी फैक्ट्री का भंडाफोड़, 100 बोरी के साथ चार गिरफ्तार     VARANASI - आईआईटी बीएचयू: प्लेसमेंट के पहले ही दिन 1.67 करोड़ रुपये का पैकेज, 55 कंपनियों ने दिए 209 ऑफर