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ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग क्या है, यह सिर्फ अमीरों को रिझाने का शिगूफा है या समय की जरूरत
  • 151118605 - DIKSHA PANDEY 0 0
    16 Mar 2023 14:31 PM



नई दिल्ली । ग्रीन हाउसिंग सिर्फ एक ग्रीन हाउस नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक जिम्मेदार, स्वस्थ और किफायती तरीका भी है! पर्यावरण के हिसाब से गैर-जिम्मेदार व्यवहार की भविष्य में क्या कीमत चुकानी पड़ सकती है, इस बारे में विचार करते हुए प्रकृति और इसके संसाधनों के साथ सद्भाव में रहना इसमें शामिल है। लोग अक्सर ग्रीन हाउसिंग से यह सोचकर दूर भागते हैं कि यह एक महंगा विकल्प है, जो केवल अमीरों के लिए है, लेकिन एक बार जब आप इसे बारीकी से देखते हैं, तो ग्रीन हाउसिंग वास्तव में लंबे समय में अधिक किफायती लग सकता है।

 तो, आइए इसे और करीब से देखें। ग्रीन होम वास्तव में क्या है और अब हम इसके बारे में क्यों बात कर रहे हैं?


1800 के दशक के बाद से प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग, जनसंख्या विस्फोट आदि जैसे कारकों ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाया है। जहां पहले हम कहीं दूर ग्लेशियरों के पिघलने और ओजोन परत को हो रहे नुकसान की बातें करते थे, वहीं अब हम रोजमर्रा के जीवन में मौसम के बदलाव और प्रदूषण के असर को महसूस कर सकते हैं। हमारी दुनिया को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने और अधिक टिकाऊ उपायों को अपनाने की आवश्यकता है और एक ग्रीन होम ठीक यही काम करता है! होमफर्स्ट फाइनेंस कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर गौरव मेहता के अनुसार ग्रीन अफोर्डेबल हाउसिंग एक ऐसा घर है जिसमें टिकाऊपन होता है। जो पर्यावरण के अनुकूल और रिनुएबल निर्माण सामग्रियों से बना होता है। साथ ही यह पानी, ऊर्जा व कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने में सक्षम होता है। इसे हम "ग्रीन होम" भी कह सकते हैं। भले ही ग्रीन होम की अवधारणा सुनने में थोड़ा पेचीदा लगे पर इसे किफायती तरीके से भी अमल में लाया जा सकता है। पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन का उपयोग करके, एएसी ब्लॉक, कृत्रिम रेत, एसआरआई पेंट, लो फ्लो फिक्स्चर जैसी ग्रीन निर्माण सामग्रियों का इस्तेमाल करके और प्राकृतिक संसाधनों का कुशल उपयोग करके किफायत के साथ टिकाऊपन का लाभ उठाया जा सकता है। गौरव के अनुसार एक ग्रीन हाउस न केवल गैर-नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है, बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी हैं, जो इस प्रकार हैं:   

 

 
  • ऊर्जा की बचत करता है: ग्रीन होम्स को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है कि वे प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर ऊर्जा की खपत को कम करते हैं, जैसे रोशनी के लिए दिन में सूर्य के प्रकाश का इस्तेमाल करना और सौर वॉटर हीटर जैसे नवीकरणीय स्रोतों का इस्तेमाल करना। यह पारंपरिक ऊर्जा के इस्तेमाल पर आपकी निर्भरता को कम करता है और साथ ही साथ बिजली के बिल को भी कम करता है। 5 स्टार रेटिंग वाले उपकरणों, एलईडी लाइट्स आदि को अपनाने से आपको बहुत कम कीमत पर ऊर्जा बचाने में मदद मिल सकती है।

 

  • पानी बचाता है: ताजा पानी एक बहुत ही कीमती संसाधन है, जो तेजी से दुर्लभ होता जा रहा है। ग्रीन होम्स पानी के इस्तेमाल को और प्रभावी बनाते हैं। रेनवाटर हार्वेस्टिंग जैसे पानी बचाने के तरीके भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद करते हैं, जबकि लो फ्लो फिक्स्चर और डुअल फ्लश शौचालय जैसे उपकरण दैनिक खपत को कम करने में मदद करते हैं। 

 

  • स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता है: हम अक्सर यह मान लेते हैं कि जब आप घर में होते हैं तो बाहर का वायु प्रदूषण आपको प्रभावित नहीं करता है। हालांकि, दुनिया भर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बिगड़ने के चलते घर में भी प्रदूषण हमारे नियमित जीवन पर उतना ही असर डालता है, जितना कहीं और। इसी कारण श्वसन संक्रमण, हृदय रोग और फेफड़ों का कैंसर आम होता जा रहा है। एयर वेंटिलेटर लगाने से बिना किसी रुकावट के हवा के प्रवाह में मदद मिलती है, जबकि लो वीओसी पेंट में कम वाष्पशील रसायन होते हैं, जिससे हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन सीमित हो जाता है। इस प्रकार ग्रीन हाउस न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि हमारे लिए भी स्वास्थ्यवर्धक हैं।

ग्रीन अफोर्डेबल होम का चुनाव कैसे करें?
ग्रीन अफोर्डेबल होम चुनने के दो तरीके हैं-

  • अपना खुद का ग्रीन होम बनाएं: चूंकि आप इसे सीधे जमीन से खड़ा करते हैं, आप अपने घर में टिकाऊ तरीकों और उपकरणों को अपनाने के लिए अपने आर्किटेक्ट से सलाह लें। इस तरह आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार टिकाऊ तरीकों को शामिल कर अपने हिसाब का ग्रीन होम बना सकते हैं। इसके बाद आप अपने ग्रीन होम को संबंधित प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित करवा सकते हैं। भारत में कुछ सबसे भरोसेमंद ग्रीन बिल्डिंग एजेंसियों में लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिजाइन (LEED), ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट (GRIHA) और इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) शामिल हैं। इससे आपको अपने ग्रीन होम के टिकाऊपन का मूल्यांकन करने और किसी भी सरकारी प्रोत्साहन का लाभ उठाने में मदद मिल सकती है। 
  • ग्रीन सर्टिफाइड अपार्टेमेंट खरीदें: जब आप अपने लिए नया घर खोज रहे हों, तो अपने बिल्डर/ब्रोकर से गेटेड कम्युनिटी, नियमित जल आपूर्ति और पर्याप्त वेंटिलेशन के बारे में पूछताछ करते समय अमल में लाए गए ग्रीन उपायों के बारे में भी पूछें और यह भी सुनिश्चित करें कि बिल्डिंग को आईजीबीसी, आईएफसी, गृह आदि जैसे प्राधिकरणों से हरित प्रमाणन प्राप्त है या नहीं। इन संगठनों के द्वारा दी गई रेटिंग के आधार पर आप अपनी आवश्यकता के अनुसार अपार्टमेंट की सुविधाओं का आकलन कर सकते हैं।

गौरव मेहता का मानना है कि जो लोग अपना नया घर बनाना चाहते हैं, उनके लिए ग्रीन होम बनाना या कम से कम बाद में ग्रीन उपायों को शामिल करने की गुंजाइश छोड़कर रखना बुद्धिमानी भरा निर्णय है। सभी देश पेरिस जलवायु समझौते के अनुसार अपने-अपने दायित्वों को पूरा करने की तैयारी कर रहे हैं, इस कारण ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर नियमन में दुनिया भर में व्यापक बदलाव आया है। भारत के द्वारा जी20 की अध्यक्षता संभालने के साथ ही हम ग्रीनर फ्यूचर की ओर चल पड़े हैं। अभी टिकाऊ सामग्रियों और उपकरणों का स्वैच्छिक उपयोग, आने वाले समय में अनिवार्य हो सकता है और इस तरह की दूरदर्शिता लंबे समय में गेम चेंजर साबित हो सकती है।



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