खगोलीय घटना के चलते 23 जनवरी की शाम आसमान में सुंदर नजारा देखने को मिलेगा। इसमें चंद्र, शुक्र और शनि ग्रह साथ में नजर आएंगे। सूर्यास्त के बाद आकाश में पश्चिम दिशा में यह अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। खास बात यह है कि इस सुंदर खगोलीय नजारे को देखने के लिए टेलिस्कोप आदि किसी साधन की आवश्यकता नहीं होगी। बिना किसी साधन के खुली आंखों से अपने घर से ही लोग यह नजारा देख सकेंगे। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया 23 जनवरी की शाम यह सुंदर खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में चंद्रमा-शुक्र ग्रह शनि ग्रह के साथ दिखाई देंगे। जिसे खगोलीय भाषा में चंद्रमा-शुक्र-शनि युति कहते हैं। 23 जनवरी को द्वितीया तिथि पर सायन गणना के अनुसार चंद्रमा कुंभ राशि में 27 अंश 2 कला पर होगा और उसकी क्रांति 16 अंश 59 कला दक्षिण होगी।
शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी। शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 25 कला दक्षिण होगी। इस तरह हम देखते हैं कि चंद्रमा के साथ शुक्र और शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यंत पास-पास हैं। उज्जैन में शाम 6 बजकर 8 मिनट पर सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में हसिये के आकार का चंद्रमा दिखाई देगा। चंद्रमा के ठीक नीचे थोड़ा दक्षिण की ओर लट्टू के समान चमकता हुआ शुक्र ग्रह दिखाई देगा। शुक्र ग्रह के ठीक नीचे एवं कम चमकदार शनि ग्रह को लोग देख सकेंगे। इस दिन चंद्रमा शाम 7 बजकर 54 मिनट पर अस्त हो रहा है। इसलिए यह नजारा लोग लगभग एक घंटे 30 मिनट अच्छी तरह से देख सकेंगे। डॉ. गुप्त ने बताया इस घटना को लोग अपने घर से ही बिना किसी साधन के खुली आंखों से ही बहुत अच्छी तरह देख सकते हैं। युति देखने के लिए टेलिस्कोप आदि किसी साधन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि पास-पास दिखने की स्थिति में भी खगोलीय पिंड टेलिस्कोप के दृश्य क्षेत्र से दूरी पर रहते हैं। इसलिए वेधशाला में इस घटना को दिखाने की व्यवस्था नहीं रहेगी।
