बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सभी व्यवस्था करने का प्रशासनिक दावा धरातल पर हवा-हवाई साबित हो रहा है। स्थिति यह है कि न तो स्वास्थ्य शिविर ही लगाए गए हैं और न ही बाढ़ पीड़ितों को त्वरित सहायता ही दी गई है। दोनों समय भोजन उपलब्ध कराने का सीएम का निर्देश भी धनघटा तहसील क्षेत्र में फेल है। बाढ़ पीड़ित अपनी व्यवस्था से ही भोजन कर रहे हैं। अपने सामानों की सुरक्षा के साथ ही बाढ़ पीड़ितों को अपनी भूख मिटाने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। पशुओं के सामने भी चारे का संकट है। प्रशासनिक व्यवस्था के नाम पर बस कानूनगो और लेखपाल क्षेत्र में मुस्तैदी बनाए हैं।
धनघटा तहसील क्षेत्र के 18 गांव सरयू की बाढ़ के चपेट में हैं। इन गांवों की करीब नौ हजार की आबादी बाढ़ से बचाव में जुटी है। अपने सामानों को बचाने के साथ ही जीवन रक्षा के लिए सभी जद्दोजहद कर रहे हैं। प्रशासन का दावा है कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद दी जा रही है। लेकिन वास्तविक धरातल पर ऐसा कुछ नहीं है। बाढ़ शरणालय पूरी तरह से खाली पड़े हैं। हालांकि प्रशासन ने रुकने की व्यवस्था किया है, लेकिन बाढ़ पीड़ित इससे खुश नहीं है। कुछ लोग बंधे पर जमे हैं तो कुछ गांव में अपने घर की छत पर ही रह रहे हैं। कटहा खैरगाड़ के संजय पाठक, खड़ैया सरैया के अरुण शुक्ल, सुभाष शुक्ल, गायघाट के राजीव यादव, चन्द्रभान, बालेन्द्र उर्फ पप्पू, सियर कला के रामहित आदि ने बताया कि कानूनगो, लेखपाल रह रहे हैं और बाढ़ पीडि़तों की सूची तैयार कर रहे हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली है। राशन किट सहित अन्य सामान भी अभी तक नहीं दिए गए हैं। लंच पैकेट न मिलने से खाने का भी लोगों के सामने संकट है। इन लोगों ने कहा कि सीएम की घोषणा से उम्मीद जगी है।
कई स्कूलों में भरा पानी, पढ़ाई ठप
सरयू की बाढ़ से कई स्कूलों में पानी भर गया है, जिससे पढ़ाई ठप है। प्राथमिक विद्यालय धमचिया का भवन आधा बाढ़ के पानी में डूब गया है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय गायघाट, उच्च प्राथमिक विद्यालय गायघाट, प्राथमिक विद्यालय कटहा खैरगाड़, प्राथमिक विद्यालय भौवापार, प्राथमिक विद्यालय दौलतपुर, प्राथमिक विद्यालय चपरा पूर्वी, प्राथमिक विद्यालय आगापुर गुलरिहा, प्राथमिक विद्यालय चपरापूर्वी केवटहिया में बाढ़ का पानी भरा है। इससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है। धनघटा से प्रमोद कुमार की रिपोर्ट 151166289

