नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की सीरीज के पहले मैच में एक बार फिर भारत की डेथ बॉलिंग एक्सपोज हो गई और टीम 208 रनों के विशाल लक्ष्य को भी डिफेंड नहीं कर पाई और ऑस्ट्रेलिया ने इस लक्ष्य को 4 गेंद शेष रहते 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया। यह टीम के लिए चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले एशिया कप में भी टीम दो बार 160 से ज्यादा के लक्ष्य को डिफेंड करने में नाकाम रही थी।
टीम पहले पाकिस्तान के खिलाफ और फिर श्रीलंका के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत नहीं पाई थी और हर बार डेथ ओवर में खराब गेंदबाजी जिम्मेदार थी। भारत के हार की बात करें तो कई ऐसी चीजें हैं जिस पर टीम को काम करने की जरुरत है।
पिछले कुछ महीनों से टीम एक आक्रमक अप्रोच के साथ खेल रही है। लेकिन इसके साइडइफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली टी20 में भी टीम ने 5 ओवर के भीतर विराट कोहली और रोहित शर्मा का विकेट गंवा दिया जिसके कारण टीम अच्छी शुरुआत से वंचित रह गई।
पिछले एक महीने में ऐसा तीसरी बार हुआ है जब टीम इंडिया के गेंदबाज बड़े टोटल को डिफेंड करने में नाकामयाब रही है। यहां भी जब ऑस्ट्रेलिया को 18 गेंदों पर 40 रन की आवश्यकता थी तो 18वें ओवर में हर्षल ने 22 तो 19वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार ने 16 रन खर्च किए और मैच को आसानी से जाने दिया।
खराब फील्डिंग का भुगता खामियाजा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में टीम की खराब फील्डिंग देखने को मिली। हालांकि मोहाली के मैदान पर लाइटिंग के कारण कैच में थोड़ी बहुत समस्या होती है लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर ऐसी गलतियों की कोई जगह नहीं है। मैच के आठवें ओवर में हार्दिक पांड्या की गेंद पर अक्षर पटेल ने आसान सा कैच टपका दिया। इसके अगले ही ओवर में अक्षर पटेल की गेंद पर स्मिथ का कैच केएल राहुल ने छोड़ा। वहीं मैच के 17.2 ओवर में हर्शल पटेल ने टिम डेविड की अपनी ही गेंद पर महत्वपूर्ण कैच छोड़ दिया।