हिमाचल प्रदेश, जिला हमीरपुर: प्रदेश डिपो संचालक समिति ने सरकार पर डिपो संचालकों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार डिपो संचालकों की दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए डिपो संचालकों के लिए नीति न बनाकर आए दिन नए फ़रमान ज़ारी करके डिपो संचालकों को परेशान कर रही है। प्रदेश डिपो संचालक समिति के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कवि ने ज़ारी व्यान में कहा कि प्रदेश के डिपो संचालकों ने पहले सरकार व विभाग के आदेशों के चलते प्रदेश के उपभोक्ताओं की मोबाइल व आधार सीडिंग का का कार्य पॉस मशीनों में कनेक्टिविटी न होने के कारण अपनी जेब से पैसा खर्च करके लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से करवाया और अब ekyc वेरिफिकेशन के आदेश ज़ारी कर दिए जबकि विभाग द्वारा दी गई पॉस मशीनों में डाली गई सिम्में लंबे अरसे से बंद होने के कारण मशीनों में कनेक्टिविटी ही नहीं है और बिना कनेक्टिविटी के उपभोक्ताओं की ekyc वेरिफिकेशन संभव ही नहीं है। अशोक कवि ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के सभी डिपो संचालकों ने सरकार और विभाग के आदेशों की पालना करते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर सुवह पांच बजे भी डिपो खोलकर लोगों को राशन वितरित किया व प्रदेश के बहुत सारे डिपो संचालकों ने घर -घर जाकर भी राशन वितरण का कार्य किया!विभागीय मंत्री ने इसके लिए पचीस लाख चौतालिस हज़ार रूपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा भी की थी, लेकिन आज तक सरकार की ओर से प्रदेश के डिपो संचालकों को पचीस पैसे तक नहीं दिए गए!प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ज़ब हम सरकार के पास अपनें लिए स्थाई नीति की माँग करते हैं तो सरकार हमें कहती है कि आप कमीशन एजेंट हो, यदि हम कमीशन एजेंट हैं तो सरकार हमें राशन वितरित करने का कमीशन देती है न कि अन्य कार्य करवाने का। ज़ब लोकमित्र केंद्र संचालक ekyc वेरिफिकेशन के दस रूपये लेते हैं तो फ़िर डिपो संचालकों के लिए चार रूपये क्यूँ ? अशोक कवि ने प्रदेश के डिपो संचालकों के लिए स्थाई नीति बनाने की माँग को दोहराते हुए कहा कि यदि सरकार ने हमारे लिए शीघ्र स्थाई नीति की घोषणा नहीं की तो आने बाले विधानसभा चुनावों सरकार को इसका खमियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
फ़ास्ट न्यूज इंडिया स्टेट इंचार्ज की रिपोर्ट
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