हिमाचल प्रदेश, जिला शिमला: प्रदेश सरकार ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने कैबिनेट मंत्रियों और आला अधिकारियों से मंत्रणा के बाद मंगलवार को यह निर्णय लिया है। वहीं, यूपी एसटीएफ ने अंतरराज्यीय गैंग के दो आरोपी वाराणसी के छावनी क्षेत्र से गिरफ्तार किए, जबकि हिमाचल पुलिस ने सोलन से बाप-बेटे को गिरफ्तार किया है। अब तक मामले में हिमाचल और अन्य राज्यों में 29 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उधर, सीएम ने अपने सरकारी निवास ओक ओवर शिमला में पत्रकारों से पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की तारीफ करते हुए कहा कि वह कोई प्रश्न पीछे नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसीलिए निर्णय लिया है कि मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। जब तक सीबीआई जांच शुरू नहीं करती, तब तक एसआईटी तफ्तीश जारी रखेगी। मामले में पुलिस की संलिप्तता के प्रश्न पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि सीबीआई जांच में ही सारी बातें सामने आएंगी। सीएम ने कहा कि सही मायने में पेपर लीक हुआ था। इस मामले में संलिप्त एक एजेंट से 8.49 लाख रुपये नकदी भी बरामद की गई है। अभी तक जो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, उन्हें एसआईटी ने ही पकड़ा है। उन्होंने कहा कि पहले यह हिमाचल प्रदेश का ही मामला लग रहा था, लेकिन अब तक कुछ आरोपी दूसरे राज्यों के सामने आ चुके हैं। सीएम ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है और यह मामला भी पुलिस से संबंधित है, तो इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसलिए वह चाहते हैं कि मामले में सीबीआई जांच करे। उधर, उत्तर प्रदेश के एसटीएफ वाराणसी इकाई के एएसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि हिमाचल पुलिस को सूचना मिली थी कि मामले में वांछित अंतरराज्यीय गैंग के दो सदस्य वाराणसी में मौजूद हैं। इस पर एसटीएफ फील्ड इकाई के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह व हिमाचल पुलिस की टीम ने जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र के कुसया मुजरा गांव निवासी शिव बहादुर सिंह और गाजीपुर करंडा के खुलासपुर निवासी अखिलेश यादव को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार शिव बहादुर सिंह कैंट थाना के अर्दली बाजार स्थित धीरज अपार्टमेंट में रह रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह वर्ष 2003 से अंतरराज्यीय प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने वाले बेदीराम गैंग से जुड़ गया। कई बार वह जेल जा चुका है। कई राज्यों में पेपर लीक कराकर उसने 10 से 12 करोड़ रुपये कमाए। शिव बहादुर ने बताया कि हिमाचल पुलिस भर्ती का प्रश्नपत्र मिलने पर 11 अभ्यर्थियों को चंडीगढ़ में परीक्षा से एक दिन पूर्व ही हल पेपर दिया गया। इससे अभी तक सात लाख रुपये मिले हैं। वहीं, सोलन जिले के अर्की के सरली गांव से विशेष जांच टीम ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के नाम गत शनिवार को बिलासपुर में गिरफ्तार दलाल से पूछताछ के दौरान सामने आए थे। बाप बलवीर और बेटे कुलदीप से पूछताछ की तो दोनों ने माना कि प्रश्न पत्र लेने के लिए दलाल को उन्होंने साढ़े चार लाख रुपये दिए थे। कुछ पैसे नकदी और कुछ ऑनलाइन खाते में डाले थे। कुलदीप फोटोग्राफी का काम करता है। वहीं, मामले में सोमवार को गिरफ्तार चारों आरोपियों को एसआईटी निशानदेही के लिए मंगलवार को हरियाणा ले गई है। एसपी सोलन वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार बाप-बेटा बुधवार को कोर्ट में पेश किए जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार शिव बहादुर सिंह मामले में मुख्य या दूसरे नंबर का आरोपी है। उससे एक स्विफ्ट डिजायर गाड़ी, 15 फोन और एक लैपटॉप भी कब्जे में लिए हैं। एक अन्य आरोपी अमन सिंह को भी बिहार से लाया जा रहा है। पुलिस कांस्टेबलों के 1,334 पदों की भर्ती के लिए 27 मार्च को लिखित परीक्षा हुई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित हुआ। प्रदेश भर में 81 परीक्षा केंद्रों में पेपर हुआ था। पेपर लीक होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परीक्षा रद्द कर दी थी ।
फ़ास्ट न्यूज इंडिया स्टेट इंचार्ज की रिपोर्ट
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