बलिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती पर शुक्रवार के दिन 'ठेला पर मरीज' मामले में शनिवार को सीएचसी स्टाफ तथा ग्रामीण एक दूसरे के विरोध में तीन जगह धरने पर बैठ गये। एडीसनल सीएमओ एसके तिवारी के पहुंचने तथा दोनों पक्षों से वार्ता करने बाद चार घण्टे तक चला धरना खत्म हो सका।
स्थानीय कुछ लोगोंं द्वारा चिकित्सकों तथा अस्पताल के अन्य कर्मचारियों पर आए दिन किए जा रहे मानसिक प्रताड़ना की शिकायत को लेकर जहां स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल परिसर में धरना पर बैठ गए। वहीं अस्पताल परिसर में ही चिकित्सकों के समर्थन में नगर के कुछ युवक भी चिकित्सा कर्मियों के सामने एकतरफ धरना पर बैैठ गये। उधर अस्पताल के प्रवेश मार्ग पर चिकित्सालय के कर्मियों के धरना के विरोध तथा कुछ अस्पताल संबंधित समस्याओं को लेकर नगर के कुछ अन्य युवक धरना पर बैठ गए। चिकित्सकों तथा बाहर दे रहे धरनारत लोगों के बीच एडिशनल सीएमओ एसके तिवारी की उपस्थिति में आपसी सहमति बन गई कि चिकित्सक अपनी कार्य शैली और व्यवहार को सुधारेंं।उधर चिकित्सकों के बीच सेे यह प्रस्ताव रखा गया कि आए दिन अस्पताल के कर्मचारियों के साथ किया जा रहा मानसिक उत्पीड़न बन्द हो।
अधीक्षक डॉ धर्मेंद्र कुमार का कहना था कि सफाई कर्मी चिकित्सा कर्मी जब काम पर होते हैं तो यहां के कुछ लोग प्रायः आकर वीडियो बनाने का काम करने लग जाते हैं। इससे चिकित्सकों तथा अन्य कर्मचारियों को कार्य करने में बाधा उत्पन्न होती है। डा. कुमार ने शुक्रवार के दिन ठेला पर मरीज को घुमाने की घटना को कोट करते हुए बताया कि कल जिला अस्पताल के लिए रेफर किए गए मरीज को स्थानीय नेताओं द्वारा ठेला पर बैठा कर वीडियो बनाने का काम किया गया। वे लोग खुली धूप में मरीज को सड़क पर घूमवाए। यदि मरीज को कुछ हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता?
बताया कि ओपीडी बन्द है। इसके अलावा अस्पताल का सभी कार्य चल रहा है। जिला मुख्यालय से आए एडिशनल सीएमओ डा. एस के तिवारी ने कहा कि किसी भी अस्पताल को केवल स्टाफ द्वारा नहीं चलाया जा सकता।प्रत्येक कार्य में पब्लिक का सहयोग होना चाहिए। मरीज के परिजन तो लाचारी की स्थिति में होते हैं, लेकिन कुछ लोग अपना वर्चस्व कायम करने के लिए चिकित्सकों तथा अन्य कर्मचारियों से ऐसा व्यवहार करते हैं कि कर्मचारी परेशान हो जा रहे हैं। इस बीच बुलाए जाने पर बाहर धरना दे रहे लोग बबलू पांडेय तथा महेश तिवारी के नेतृत्व में एडिशन सीएमओ के पास पहुंचे। उन्होंने सामुदायिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पूर्ण दर्जा देने तथा बीते 25 अप्रैल को सर्पदंश से मृत बालिका रुचि की मौत के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही तथा शुक्रवार को जितेंद्र को एंबुलेंस न मिलने से ठेला पर ले जाने की जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही संबंधित 15 सूत्रीय मांग पत्र एडिशनल सीएमओ को दिया।
धरने में डा. रोहित रंजन, डा. दुष्यंत कुमार, डा. एके वर्मा, डा. बद्रीराज यादव, फार्मासिस्ट एसएन तिवारी, संदीप शर्मा, राजकुमार, बृजभान पाण्डेय, संतोष तिवारी, अरूण सिंह, डा.शंभू नाथ पाठक, अंकिता तिवारी, सरसीज वर्मा, मंजू सिंह, विनोद मिश्र, एसपी कुंवर सहित समस्त स्टाफ एवं पैथोलॉजिस्ट मौजूद रहे।