लू के थपेड़ों ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है ।सूरज की किरणों को पृथ्वी पर आते ही लोग धूप से बेचैन हो जाते हैं। वहीं दोपहर में लू के थपेड़ों से राह चलना दूभर हो गया है। प्रतिदिन तापमान के बढ़ने से सभी लोग पसीने से तरबतर हो रहे हैं, सरकारी कार्यालयों में भी सुचारू रूप से कार्य नहीं हो पा रहे हैं आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है ऊपर से विद्युत कटौती से परेशानी सभी कार्य बाधित हो रहे हैं।सड़कों पर पसरा सन्नाटा छाया हुआ है। मेहनगर रमेश चंद शर्मा की रिपोर्ट 151119163