रिपोर्ट पियूष तिवारी.....बेनीगंज/हरदोई-उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई के कुछ हिस्सों में आज भी नौनिहालों को लालच देकर उनके भविष्य से बराबर खिलवाड़ किया जा रहा है जिसका जीता जागता नमूना कोतवाली बेनीगंज अंतर्गत कस्बे में संचालित हो रही बेप्रमाणित आइसक्रीम फैक्ट्रियां है जिनकी संख्या लगभग चार है। ये कस्बे के कुर्सी रोड सिकिलिन टोला संडीला सड़क मार्ग आदि पर घरों में संचालित की जा रही हैं।यह फैक्ट्रियां नौनिहालों की जिंदगी से,तो खेल ही रही है साथ ही ब्रांड ना होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रही हैं।कुछ इसी तरह कस्बे से सटे पिपरी गांव किनारे विशाल पुत्र संजू, अंकुल, सुधीर निवासी गण बेनीगंज बड़ी-बड़ी ठेलियां लेकर आइसक्रीम बेचते मिले जो पैसे के लालच में भारी भरकम ठेलिया खींच रहे थे।पर देखकर ऐसा प्रतीत होता था कि इन्हें चलाने की इनके बस की बात नहीं पर लालच क्या न कराए। वही अंकुल ने बताया कि आज ठेली दो बार पलट चुकी है यह कहो कि चोट नहीं आई। सभी के अनुसार सुबह से शाम तक इस काम के उन्हें 100 से ₹200 तक मिल जाते हैं परिवार की आर्थिक स्थितियां ठीक न होने के कारण यह सभी ऐसा कार्य कर रहे हैं। पर सही मायने में देखा जाए तो इन नौनिहालों की इसमें शायद गलती नहीं क्योंकि इन्हें पैसे के लालच में जिस ओर मोड़ दिया जाएगा यह उस और चल देंगे इन्हें अपने स्वयं के भविष्य को सोचने समझने सवारने की क्षमता तो नहीं पर जो इन्हें लालच देकर अपना काम निकालते हैं वह पूरी तरह इनके जीवन को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं।इन आइसक्रीम ठेलियों पर कंपनी का नाम बिंदास आइसक्रीम लिखा था जिसके बारे में जानकारी लेनी चाही तो फैक्ट्री का शटर नहीं खोला गया।जिससे संपूर्ण जानकारी नहीं मिल पाई।यही स्थितियां अन्य आइसक्रीम फैक्ट्रियों की है जहां पर कोई भी किसी प्रकार की जानकारी लेने जाएगा तो उसका सामना फैक्ट्री मालिकों से हो, ही नहीं सकता। क्योंकि सूत्र बताते हैं, कि इन बाहरी फैक्ट्री मालिकों को कस्बे में बसाने वाले और नौनिहालों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले कस्बे के ही कुछ चुनिंदा दलाल किस्म के लोग हैं, जो पत्रकारों को, भी रोकने का कार्य करते हैं। और पुलिस एवं खाद्य विभाग से भी आए दिन समझौता कराते हैं। बीते वर्ष एक आइसक्रीम फैक्ट्री पर स्थानीय विद्युत विभाग ने छापेमारी की थी जिसमें कुछ गोलमोल मिला था।पर समय बीतने के पश्चात अधिकारियों द्वारा बात को आसानी से निपटा दिया गया।खाद्य विभाग की टीमें तो कभी कदार कस्बे में आकर किराना दुकानदारों से सांठगांठ कर वापसी कर लेती हैं, पर इस ओर उनकी भी नजरें इनायत नहीं होती जिसके चलते इन आइसक्रीम फैक्ट्री मालिकों की बल्ले बल्ले है।