जोल कोहटा को अलग पंचायत धमरोल भाग-2 बनाने की मांग
*जोल कोहटा को अलग पंचायत धमरोल भाग-2 बनाने की मांग*
--यदि अलग पँचायत न बनी तो आगामी पँचायत, विधानसभा व लोकसभा चुनावों के करेंगे ग्रामीण बहिष्कार
पिछले कई सालों से जोल, कोहटा, दर और सरसोली अलग पंचायत की मांग कर रहे है ये ग्रामीण धमरोल पंचायत में आते हैं वँहा के ग्रामीणों ने जागृति एबं जनकल्याण समिति ग्राम सुधार जोल के प्रधान कुलदीप चंद की अध्यक्षता में हमीरपुर जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा। जिसमें धमरोल भाग-2 अलग पंचायत बनाने की मांग की गई। पिछली पंचायती राज विभाग की तरफ से नई बनने वाली जिन पंचायतों की लिस्ट मे जोल का नाम में शामिल नहीं था। जोल को धमरोल भाग- 2 पंचायत बनाए जाने की मांग करीब एक दशक पुरानी है। इस मांग को लेकर जोल, कोहटा, दर और सरसोली के ग्रामीणों ने दिसम्बर 2005 चुनावों के बहिष्कार की किया था। लेकिन नेताओं के आश्वासनों पर ऐसा हो न सका। हालांकि करीब 7-8 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने इस संबंध में सारी औपचारिकताएं पूरी कर मामला आगे भेज दिया था। लेकिन पहले डी-लिमिटेशन और बाद में चुनाव आचार संहिता के कारण जोल को पंचायत का दर्जा हासिल न हो सका। जोल को धमरोल पंचायत का *डोडरा क्वार* भी कहा जाता है। यह गांव चारों ओर से जंगल से घिरा है। पूर्व हिस्से में इसकी सीमा मंडी जिले से लगती है। जहां से सीर खड्ड बहती है। पश्चिमी ओर को धमरोल पंचायत मुख्यालय पहुंचने से पहले ग्रामीणों को जंगल का रास्ता व चैंथ खड्ड पार करनी पड़ती है। इसके बगल में दर, सरसोली, कोहटा गांव पड़ते हैं और यदि सड़क मार्ग से धमरोल पँहुचना हो तो वाया भौर धमरोल पंचायत घर की दूरी सात किलोमीटर है और यदि वाया भरेड़ी पंचायत घर की दूरी 5 से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। भोगोलिक परिस्थितियां तथा पंचायत मुख्यालय से दूरी और आबादी के आधार पर ही जोल को पंचायत बनाने की मांग उठती रही है। जंगली रास्ता होने पर हर समय जंगली जानवरों का भी भय बना रहा है। बसें भी समय समय पर ही जाती है किसी कारण वश कार्य के लिए यदि की को पैदल पंचायत घर धमरोल जाना पड़े तो हमेशा जंगली जानवरों का भय बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार मांग के बाबजूद भी अलग पंचायत बनाने बारे कोई कदम नहीं उठाया गया है जिससे ग्रामीणों में रोष है और शीघ्र ही रणनीति बनाकर अलग पंचायत के मसले को मुख्यमंत्री व पंचायती राज मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। इस बारे अभियान व रणनीति को और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों में जागृति एबं जनकल्याण समिति ग्राम सुधार जोल के प्रधान कुलदीप चंद, धर्म चंद शर्मा, कर्म चंद शर्मा, धर्म चंद शर्मा, ईश्वर दास शर्मा, धर्म चंद शर्मा, कश्मीर सिंह, सूबेदार अमर सिंह , लेख राज, मोहिंद्र सिंह, प्रदीप कुमार, जय चंद, देश राज, देव चंद, राम नाथ, पवन कुमार, ग्राम सुधार कोहटा के प्रधान इंदर सिंह, अमर सिंह, मनोहर लाल, अजय कुमार, मनजीत सिंह डोगरा, दीप चंद, प्रेम चंद, हंस राज, दिले राम, तुलशी राम, योग राज शर्मा, शमशेर सिंह, हेम राज, शमशेर सिंह, गोगी कुमार, इत्यादि का कहना है कि बार- बार मांग के बाबजूद भी जोल, कोहटा, दर, सरसोली इत्यादि गांवो के लिये अलग पंचायत बनाने की मांग पूरी नहीं कि जा रही है जिससे लोगों में प्रशासन व सरकार के प्रति रोष है। लोगों ने कहा कि अगर धमरोल पार्ट-2 पँचायत न बनी तो आने वाले पँचायत, विधानसभा व लोकसभा चुनावों के बहिष्कार की चेताबनी दी है।