भारतरत्न प्रणब दा का मिदनापुर से पुराना रिश्ता था।
- 151018477 - DEEPAK KUMAR SHARMA
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प्रणब दा, बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।यह सच है कि प्रतिभा और खुश्बु तालो में कैद होकर नहीं रह सकते।अविभाजित बंगाल के छोटे से गांव में जन्में प्रणब मुखर्जी को देश का प्रथम नागरिक होने का गौरव प्राप्त होगा, ये तो किसी के भी कल्पना के परे था।पिता शुरू से ही कांग्रेस से जुड़े हुए थे, राजनीति उन्हें विरासत में मिली थी लेकिन वे लकीर के फ़क़ीर नहीं बनना चाहते थे।कौन जानता था कि स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ कहे जाने वाले मिदनापुर जिला आने वाले समय में एक नया इतिहास रचने वाला है।1969में मिदनापुर लोकसभा उपचुनाव में वी के कृष्णा मेनन इडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर में चुनाव लड़ रहे थे और प्रणब मुखर्जी ने जिस बखूबी से इस चुनाव प्रचार की बागडोर संभाली वो अपने आप में क़ाबिले तारीफ था।उनकी इसी प्रतिभा ने दिल्ली तक को सोच में डाल दिया।तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और राजनीति में उनका पदार्पण हुआ।1975 में वे राज्य सभा के लिये मनोनीत हुए।इंदिरा सरकार में वे कैबिनेट सदस्य रहे और 1975-1977 के आपातकाल के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई
मिदनापुर से दीपक शर्मा की रिपोर्ट