PPM से सम्मानित हुए RPF,SER के IG डी बी कसार
- 151018477 - DEEPAK KUMAR SHARMA
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पश्चिम बंगाल,कोलकाता,दक्षिण पूर्व रेलवे :
दक्षिण पूर्ब रेलवे सुरक्षा बल के आइजी देबेन्द्रनाथ वी कसार को राष्ट्रपति पुलिस पदक(PPM) से सम्मानित किया गया है। दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में आरपीएफ के प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर/दक्षिण पूर्व रेलवे को इस सम्मान से नवाजा गया। आइजी डीबी कसार की पहचान रेलवे सुरक्षा बल में एक कर्मठ, निष्ठावान और जूझारु अधिकारी के तौर पर होती है। दक्षिण पश्चिम रेलवे में बच्चों के बचाव के लिए चलाए गए ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते, मुंबई में 26/11 के हमले के बाद चलाए गए अभियान ईगल टू टैकल, दक्षिण पूर्व रेलवे में गरीब यात्रियों के लिए चलाए गए अभियान रिवर फ्लो, अपराध रोकने में ड्रोन का उपयोग करने जैसे प्रयोगों को लेकर कसार काफी चर्चा में रहे हैं। इसके अलावा अपराध रोकने के लिए रणनीतिक योजना बनाने, रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए किये गए सुधारात्मक पहल में उनका अहम योगदान रहा है। देवेन्द्र नाथ बी कसार वर्तमान में निरीक्षक के पद पर मुख्यालय गार्डनरीच , कोलकाता में पदस्थ हैं जिन्होने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा 1990 में उत्तीर्ण होकर सहायक सुरक्षा आयुक्त के पद से अपना सफर शुरू किया और तकरीबन 30 वर्षों की सेवा काल में कई उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से वर्ष 2020 में सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान रेल एवं रेलवे परिसर में अपराध पर अंकुश लगाने एवं यात्रियों के सुरक्षा से संबंधित कार्य के लिए प्रदान किया गया।
कसार को वर्ष 1996, 2001, 2013, 2017, 2019 में जी एम अवार्ड, डी जी इनसिग्निया, महानिदेशक प्रशंसा जैसे अवार्डो से सम्मानित किया गया एवं (FICCI) Federation of Indian Chambers of Commerce द्वारा स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड एवं 2013 में भारतीय पुलिस पदक से नवाजा गया। रेल में मानव तस्करी एवं महिला एवं बाल सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपुर्ण कार्य करते हुए आपरेशन ईगल टू टैकलद्वारा वर्ष 2008 में 26/11के मुम्बई पर आतंकवादी हमले के बाद एक विशेष अभियान चलाकर पश्चिमी रेल के दक्षिण मुम्बई इलाकों में महत्वपूर्ण कार्य किया गया।इनके कार्यों के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा सम्मानित किया गया।ज्ञातब्य हो कि2008में लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने मुम्बई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के मेन हॉल में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिसमें52 लोग मारे गए और109 जख्मी हुए।इस घटना के बाद आरपीएफ की क्षमता और सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा था, तब डी बी कसार वेस्टर्न रेलवे में सीनियर डिविशनल सिक्योरिटी कमिश्नर ऑफ आरपीएफ के पद पर थे।वेस्टर्न रेलवे ने लेवल III आर्मर को DRDO से एप्रूव्ड कर100 बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीद ही नहीं की, अपितु रेल सुरक्षा बल को इस कदर तैयार किया कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।उन्होंने फ़ोर्स को मूव मोड पर रखा ताकि जवान हर भोगौलिक परिवेश से परिचित रहे।
वर्ष 2013 में एक विशेष अभियान आपरेशन रिवर फ्लो की शुरुआत कर झारखण्ड, पश्चिम बंगाल एवं उड़िसा जो दक्षिण पूर्व रेलवे से ट्रेनों एवं सिमावर्ती क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों एवं जंगल की तस्करी करने पर पुर्णतः अंकुश लगाया।इस आपरेशन के तहत आर पी एफ की छह सदस्यीय टीम ने घाटशिला, धलभूमघर स्टेशनों का निरीक्षण किया।उन्होंने एक और विशेष अभियान नन्हें फरीश्ते के नाम से वर्ष 2017 में बाल तस्करी को रोकने के विरुद्ध चलाया जिसके लिए उन्हें पुलिस पदक से नवाजा गया साथ ही साथ उन्होने इस अभियान में बतौर आई जी साउथ वेस्टर्न रेलवे, हुब्बली कर्नाटक, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश के राज्यों में रेल द्वारा बाल तस्करी एवं अपहरण के करीबन 2300 बच्चों को आपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत तस्करों के चंगुलों से आजाद कराया एवं साथ ही साथ उनके अभिभावकों को सुपूर्द भी किया,जिनमें 523बच्चों को एसवंतपुर, क्रांतिवीरा, संगोली रायन्ना,और अन्य रेलवे स्टेशनों से2018 में मुक्त कराया।2017 में साउथ वेस्टर्न रेलवे में चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर ऑफ आर पी एफ रहते हुए कसार ने आपरेशन नन्हें फरिस्ते की शुरुआत की थी ताकि बंगलुरू, मैसूरु और हुबली जैसे शहरों में बाल मजदूरी जैसे कृत्य को रोका जा सके।
वर्तमान में डी बी कसार दक्षिण पूर्व रेलवे के चारों मण्डलो खड़गपुर, चक्रधरपुर, रांची एवं आद्रा में ड्रोन जैसे आधुनिक उपकरणों को उपलब्ध कराकर अपराधों पर नियंत्रण करने की विशेष रणनिति बनाई है।ड्रोन का उपयोग मुख्य तौर पर यार्ड सिग्नलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, गुडशेड,स्टेशन रिले रूम समेत अन्य जगहों पर किया जा रहा है।स्निफर डॉग की क्षमता का सही आँकलन भी कासार ने की है जिससे चोरी,आपराधिक गतिविधियों और रेलवे सम्पति की सुरक्षा में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। लोकडौन के समय जरुरतमंदो को भोजन के साथ साथ आर पी एफ महिला कर्मियों द्वारा बनाया मास्क भी वितरित किया गया।भारतीय रेल प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुचाने के लिए 3600 से अधिक ट्रेनें चला चुका है,और48 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनकी मंजिल तक पहुँचा चुका है।आई आर सी टी सी ने यात्राकर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए 78 लाख से अधिक मुफ्त भोजन के पैकेट और 1.10करोड़ से अधिक पानी की बोतलें वितरित की हैं।
पश्चिम बंगाल से स्टेट ब्यूरो चीफ दीपक शर्मा कि रिपोर्ट (1018477)