लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों को आत्मसात करे
- 151108554 - SUNIL KUMAR SHARMA
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बलिया : जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की ओर से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने युवाओं का आह्वान किया कि वे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों को आत्मसात करें।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक का सही मूल्यांकन नहीं हुआ। उन्होंने गीता को समकालिक समय के संदर्भ में पुनव्र्याख्यायित किया। कहा कि अधर्म का विरोध करने के लिए शस्त्र उठाना धर्म है।
भारत अध्ययन केंद्र, बीएचयू के शताब्दी पीठ आचार्य प्रो. राकेश कुमार उपाध्याय, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दमन के प्राचार्य प्रो. संजय कुमार सत्यार्थी, ओमपाल सिंह, भारतीय गांधी अध्ययन संस्थान की अध्यक्ष, प्रो. शीला राय आदि ने भी विचार रखे। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने नई पीढ़ी को तिलकजी के आदर्शों से सीख लेने का संदेश दिया। संयोजन डॉ. रामकृष्ण उपाध्याय व संचालन डॉ. अजय बिहारी पाठक ने किया।