रेल सुरक्षा बल के जवान कमांडो ट्रेनिंग से लैस
- 151018477 - DEEPAK KUMAR SHARMA
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पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर स्थित खड़गपुर के दक्षिण पूर्ब रेलवे जोनल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में पासिंग आउट परेड के दौरान रेल सुरक्षा बल के जवानों ने कमांडो स्तर की भी ट्रेनिंग ली।फायर रिंग के बीच से निकलना, चलते मोटरसाइकिल से निशाना साधना, मार्शल आर्ट के गूढ़ रहस्यों को जानना और समझना, तलवार की नोंक के ऊपर से जम्प करना, सीने पर कीलों के नोंक के ऊपर पत्थर रख कर तोड़ना, सिर से ईट तोड़ना,जैसे करतब दिखाए।कोच विश्वेश्वर रॉय और दीपक घोष की अगुआई में कमांडो ट्रेनिंग जवानों को दी गई।कोच सह कमांडो विश्वेश्वर रॉय रेल सुरक्षा बल में सहायक निरीक्षक के पद पर हैं।उन्हें2012 में मार्शल आर्ट में नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है।रॉय ने कहा कि आज कल कब घटना दुर्घटना में तब्दील हो जाये कहना मुश्किल है।रेल सुरक्षा बल के जवान हर चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं।जहाँ भी हमारी जरूरत होती है, देश सेवा सर्व्वोपरीके तहत हम पहुंच जाते हैं।माओवाद, नक्सलवाद से देश जूझ रहा है।उनका पहला निशान रेल होता है और हमारा वादा रहा है कि हर रेल यात्री को सुरक्षित उसके मंजिल तक पहुँचाये।हमारा आत्मविश्वास और हमारी चपलता उनके मंसूबो पर पानी भर देगी।कमांडो दीपक घोष हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं।सटीक निशानेबाजी में महारत हासिल करने वाले इस कमांडो के आगे किसी भी दुश्मन का टिक पाना मुश्किल है।रेल सुरक्षा बल की तरफ से इन्हें प्रशंसा मैडल भी मिल चुका है।दीपक घोष का कहना है कि एक कमांडो कईओं पर भारी पड़ता है।इन्होंने नेशनल सेक्युरिटी गार्ड का शॉर्ट टर्म कोर्स किया है। ट्रेनिंग के बाद एक कमांडो तैयार होता है।इन दोनों कमांडोज ने रेल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है कि रेल के माध्यम से देश सेवा का मौका मिला।पश्चिम बंगाल से ब्यूरो चीफ दीपक शर्मा की रिपोर्ट(1018477)